13 अप्रैल महाकाल आरती: चंद्र अर्पण से दमका शिवशंभू का स्वरूप, अलौकिक श्रृंगार में भक्त हुए भावविभोर – यहां करें घर बैठे दर्शन
विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट:
उज्जैन (शिखर दर्शन) // वैशाख शुक्ल प्रतिपदा पर रविवार प्रातः श्री महाकालेश्वर मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खोले गए। पूरे मंदिर परिसर में शिवभक्ति का अद्भुत वातावरण था। बाबा महाकाल का जलाभिषेक कर विधिवत पंचामृत से अभिषेक किया गया, जिसमें दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस का प्रयोग हुआ।
इसके बाद भगवान को चिता भस्म अर्पित कर भस्म आरती की गई। बाबा को रजत निर्मित शेषनाग का मुकुट पहनाया गया। रुद्राक्ष की माला और गुलाब के फूलों से बनी सुगंधित माला से अलौकिक श्रृंगार किया गया। भगवान को फल व मिष्ठान्न का भोग भी लगाया गया।
अल सुबह की इस दिव्य आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित किया। भक्तों ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं कही और उनके शीघ्र पूर्ण होने की प्रार्थना की। महाकाल मंदिर ‘हर हर महादेव’, ‘जय जय श्री महाकाल’, और ‘ॐ नमः शिवाय’ के जयघोष से गूंज उठा।
श्रद्धा, भक्ति और आस्था से सराबोर यह दृश्य भक्तों के लिए जीवन भर का अनुभव बन गया।