मध्यप्रदेश

“निष्काम सेवा मानवता की सबसे महान सेवा: आनंदपुर धाम में बोले पीएम मोदी, कहा यह धरती साधारण नहीं”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित श्रीआनंदपुर धाम में परमहंस अद्वैत मठ के सत्संग कार्यक्रम में भाग लेते हुए सेवा, अध्यात्म और अद्वैत दर्शन के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सेवा की भावना ही व्यक्ति को महान बनाती है और समाज व राष्ट्र से जोड़ती है। अद्वैत दर्शन को आज की वैश्विक समस्याओं का समाधान बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘जो तू है, सो मैं हूं’ का विचार दुनिया को जोड़ सकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी गुरु परंपरा और सेवा भावना को मानवता का सबसे बड़ा संदेश बताया। आनंदपुर ट्रस्ट के सेवा प्रकल्पों की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने इस धरती को साधारण नहीं, तप और त्याग से सींची हुई भूमि कहा।


भोपाल (शिखर दर्शन) // प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के ईसागढ़ स्थित श्रीआनंदपुर धाम पहुंचे, जहां उन्होंने परमहंस अद्वैत मठ के सत्संग कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने सेवा, अध्यात्म और अद्वैत दर्शन पर आधारित उद्बोधन देते हुए कहा, “सेवा ऐसी गंगा है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति डुबकी लगाए तो उसका जीवन सार्थक हो सकता है।“

प्रधानमंत्री ने श्रीआनंदपुर धाम की भूमि को असाधारण बताते हुए कहा कि यह धरती संतों की तपस्या, सेवा और परमार्थ की प्रेरणाशक्ति से सिंचित है। उन्होंने मंदिर में दर्शन किए और सेवा कार्यों की जानकारी लेकर हर्ष जताया।

उन्होंने कहा कि आनंदपुर ट्रस्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य कर रहा है। ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूल, गौशाला, अस्पताल और पर्यावरण प्रकल्प न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे देश के लिए उदाहरण हैं। पीएम मोदी ने कहा, “सेवा की यही भावना हमारी सरकार के केंद्र में भी है। हम सेवा को ही नीति और निष्ठा का आधार मानते हैं।”

प्रधानमंत्री ने अद्वैत दर्शन की प्रासंगिकता पर विशेष जोर दिया और कहा कि भारत की ऋषि परंपरा ने समाज को जब-जब मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी, तब-तब शंकराचार्य जैसे महान चिंतकों ने अद्वैत के विचार से देश को जोड़ा। उन्होंने कहा, “अद्वैत का मतलब है – द्वैत का त्याग। अपने और पराये की भावना से ऊपर उठकर, संपूर्ण सृष्टि में एक ही परमात्मा का दर्शन करना।”

उन्होंने कहा कि परमहंस अद्वैत जी महाराज ने इस दर्शन को सरल भाषा में जनसामान्य तक पहुंचाने का कार्य किया। “जो तू है, सो मैं हूं”—यह विचार हर भेदभाव को समाप्त करता है।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि देश में गरीबों और वंचितों के लिए उनकी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं—जैसे मुफ्त अनाज, पेयजल, आवास, स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा संस्थानों का विस्तार—सेवा भावना से प्रेरित हैं।

आनंदपुर क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने चंदेरी साड़ी को मिला GI टैग और प्राणपुर में आरंभ किए गए हैंडलूम विलेज का भी उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि आनंदधाम ने यह सिखाया है कि गरीबों की सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी सेवा के इस भाव को आगे बढ़ाएगी और आनंदधाम की तर्ज पर सेवा केंद्र स्थापित करेगी।

मुख्यमंत्री ने गुरु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “गुरुजी ने प्रेम, अपनत्व और शांति का जो संदेश समाज को दिया है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बना रहेगा।“

पीएम मोदी ने अंत में कहा, “आनंदपुर की धरती पर शोक भी आने से डरता है, यह भूमि तप, त्याग और सेवा की ऊर्जा से भरी हुई है।”

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