छिंदवाड़ा के जाम सांवली हनुमान मंदिर में लेटी मुद्रा में विराजमान प्रतिमा से बहती जलधारा, श्रद्धालुओं को रोग व मानसिक बाधाओं से राहत मिलने का दावा
छिंदवाड़ा (शिखर दर्शन) // कलयुग में सर्वाधिक पूज्य माने जाने वाले भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी के चमत्कारिक स्वरूपों में से एक अद्भुत मंदिर मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित है। नागपुर हाईवे पर सौसर तहसील के जाम सांवली गांव में स्थित यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था और चमत्कार का अद्वितीय केंद्र बना हुआ है। खास बात यह है कि यहां बजरंगबली लेटी हुई विश्राम मुद्रा में विराजमान हैं और उनकी नाभि से लगातार जलधारा बहती रहती है, जिसे भक्त प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हैं।
यह हनुमान मंदिर 100 वर्षों से भी अधिक पुराना बताया जाता है, जिसकी मूर्ति और स्थापना के बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिलता। किंवदंती है कि जब लक्ष्मण मेघनाद के बाण से मूर्छित हो गए थे, तब हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर लौटते समय यहीं विश्राम करने रुके थे। उसी स्थान पर यह विश्राम मुद्रा में लेटी हुई मूर्ति पीपल वृक्ष के नीचे विराजमान है।
हनुमान जयंती के अवसर पर इस मंदिर में प्रतिवर्ष विशेष आयोजन होते हैं। इस बार भी सात दिवसीय आयोजन के अंतर्गत दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं। माना जाता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है और कोई भी यहां से खाली हाथ नहीं लौटता।
सबसे विशेष बात यह है कि मूर्ति की नाभि से निकलने वाली जलधारा को चमत्कारी माना जाता है। श्रद्धालु इस जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। मान्यता है कि इसका सेवन करने से भूत-प्रेत बाधा, मानसिक विकार और त्वचा रोगों से मुक्ति मिलती है। कई रोगी मंदिर में तब तक ठहरते हैं जब तक उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो जाता।
जाम सांवली धाम न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि आस्था, श्रद्धा और चमत्कारों का जीवंत प्रतीक भी बन गया है, जहां हनुमान जी की कृपा से कइयों की नैया पार लग चुकी है।