11 अप्रैल महाकाल भस्म आरती: राजा स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, चतुर्दशी की सुबह गूंजे ‘हर हर महादेव’ के जयकारे
विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट:
उज्जैन (शिखर दर्शन) // चैत्र शुक्ल चतुर्दशी तिथि पर शुक्रवार को उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में अल सुबह भस्म आरती का दिव्य आयोजन श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में सम्पन्न हुआ। प्रातः 4 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही सबसे पहले भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से निर्मित पंचामृत से उनका पूजन-अभिषेक हुआ।
बाबा महाकाल को शाश्वत परंपरा अनुसार ताजगी भरे पुष्पों और सुगंधित गुलाब की माला से श्रृंगारित किया गया। उनके सिर पर शेषनाग स्वरूप रजत मुकुट विराजमान किया गया और रुद्राक्ष की माला से उन्हें सुशोभित किया गया। पूजन के पश्चात बाबा को फल और मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया।
आरती के दौरान मंदिर परिसर ‘हर हर महादेव’, ‘जय श्री महाकाल’, और ‘ॐ नमः शिवाय’ के उद्घोष से गूंज उठा। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अल सुबह की इस अलौकिक आरती में भाग लेकर पुण्य लाभ प्राप्त किया। भक्तों ने नंदी महाराज के कान में जाकर अपनी मनोकामनाएं भी प्रकट कीं, यह मान्यता है कि नंदी के कान में कही गई प्रार्थना सीधे महाकाल तक पहुंचती है।
श्रद्धा और आस्था से ओतप्रोत यह दृश्य देखकर हर भक्त भावविभोर हो उठा। मंदिर परिसर में चारों ओर भक्ति का अनुपम वातावरण छाया रहा।