मस्तक पर चंद्र अर्पित कर हुआ श्री महाकाल का दिव्य श्रृंगार, शिवभक्तों ने किए अलौकिक दर्शन

विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट:
उज्जैन (शिखर दर्शन) //
10 अप्रैल को श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती के दौरान भगवान महाकाल का अलौकिक श्रृंगार किया गया। इस अवसर पर महाकाल के मस्तक पर चंद्र अर्पित कर दिव्य अलंकरण किया गया, जिसने भक्तों का मन मोह लिया। भगवान को चंदन, पुष्प, रत्नमालाओं और वस्त्रों से सजाया गया, जिससे सम्पूर्ण सभा शिवमय हो उठी।
आरती के दौरान मंदिर परिसर “ॐ नमः शिवाय”, “हर हर शंभू”, “जय जय श्री महाकाल” और “हर हर महादेव” के जयघोष से गूंज उठा। श्रद्धालु तड़के ब्रह्ममुहूर्त से ही कतारों में लगकर आरती दर्शन के लिए पहुंचे थे। आस्था और भक्ति से परिपूर्ण इस दृश्य ने भक्तों के हृदय में गहरी श्रद्धा का संचार किया।
श्रृंगार के बाद भगवान को भस्मारती अर्पित की गई, जिसमें ताजगी भरे फूल, धूप, दीप, ध्वनि और शंखनाद के साथ पूरे विधि-विधान से पूजा संपन्न हुई। मंदिर प्रशासन द्वारा विशेष सुरक्षा और दर्शन व्यवस्था की गई थी, जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा और शांति से दर्शन का लाभ मिला।
श्रद्धालुओं के अनुसार, चंद्र अर्पण से सुशोभित महाकाल के दर्शन करना जीवन का दुर्लभ सौभाग्य है। यह श्रृंगार इस बात का प्रतीक है कि भगवान शिव स्वयं चंद्रशेखर हैं — जिनके मस्तक पर चंद्र विराजमान रहता है, और जो समस्त जगत के काल के भी काल हैं।