जिंदा व्यक्ति को कागजों में ‘मृत’ दिखाकर हड़प ली 3 एकड़ जमीन, चार पर दर्ज हुआ धोखाधड़ी का केस

बिलासपुर (शिखर दर्शन) //
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को कागजों में मृत घोषित कर उसकी पैतृक जमीन पर कब्जा कर लिया गया। यह मामला किसी फिल्मी साजिश से कम नहीं है। सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के बसिया गांव में रहने वाले चार रिश्तेदारों ने षड्यंत्र रचते हुए फर्जी दस्तावेजों के जरिए न सिर्फ उसे मृत दिखा दिया, बल्कि कोर्ट से भी आदेश पारित करा लिया। अब पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का केस दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला ?
जांजगीर-चांपा जिले के निवासी और सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी रामगोपाल गौरहा ने सिरगिट्टी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उन्होंने बताया कि उनकी नानी अमोला बाई के नाम से ग्राम बसिया में 6.222 एकड़ कृषि भूमि थी, जिसमें से 3 एकड़ जमीन 1972 में नामांतरण के माध्यम से उन्हें प्राप्त हुई थी। वर्ष 2013-14 तक यह जमीन राजस्व अभिलेखों में उनके नाम पर दर्ज रही, लेकिन 2014-15 के दस्तावेजों से यह जमीन अचानक गायब हो गई।
रामगोपाल गौरहा द्वारा की गई तहकीकात में सामने आया कि गांव के ही उनके रिश्तेदार रूपराम दुबे, बेनीराम दुबे, बिहारीलाल दुबे और गतौरा निवासी निर्मला ने मिलकर साजिश रची। उन्होंने उन्हें कागजों में मृत दिखाते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार किए और कोर्ट में पेश कर आदेश भी पारित करवा लिया। फिलहाल यह विवादित जमीन उन्हीं चारों आरोपियों के नाम दर्ज है और वे उसमें खेती कर रहे हैं।
पुलिस ने दर्ज किया अपराध
सेवानिवृत्त कर्मचारी की शिकायत और जांच के आधार पर सिरगिट्टी पुलिस ने रूपराम दुबे, बेनीराम दुबे, बिहारीलाल दुबे और निर्मला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का अपराध दर्ज कर लिया है। पुलिस अब मामले की आगे की विवेचना में जुट गई है।
यह मामला छत्तीसगढ़ में भूमि कब्जे को लेकर हो रहे फर्जीवाड़ों की एक और गंभीर बानगी है, जिससे आम लोगों में प्रशासन और न्याय प्रणाली पर भरोसे को गहरा झटका लगता है।