मध्यप्रदेश

फर्जी डॉक्टर की करतूत: 8 मरीजों की मौत के मामले में कोर्ट में पेशी , 13 अप्रैल तक पुलिस रिमांड मंजूर

दमोह में फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव की गिरफ्तारी: 8 मरीजों की मौत का मामला

मध्य प्रदेश के दमोह जिले में फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव, जो डॉ. एन जॉन केम के नाम से प्रैक्टिस कर रहे थे, को 8 मरीजों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने आरोपी को 13 अप्रैल तक 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

प्रयागराज से हुई गिरफ्तारी

सूत्रों के अनुसार, मरीजों की मौत के बाद आरोपी प्रयागराज भाग गया था। दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के निर्देश पर एक टीम ने वहां से उसे सोमवार को गिरफ्तार किया।

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी

नरेंद्र यादव ने मिशनरी अस्पताल में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर डॉ. एन जॉन केम के नाम से नौकरी हासिल की थी। जनवरी-फरवरी 2025 में उसने 15 से अधिक हार्ट सर्जरी कीं, जिनमें से 8 मरीजों की मौत हो गई। जांच में उसकी डिग्री और अनुभव फर्जी पाए गए।

प्रशासन की सख्ती

इस घटना के बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर रतलाम और उज्जैन में फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई है, जिससे फर्जी चिकित्सकों में हड़कंप मचा हुआ है।

अन्य राज्यों में भी फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई

फर्जी डॉक्टरों की समस्या केवल मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं है। ओडिशा के केंद्रपाड़ा में भी एक फर्जी स्त्री रोग विशेषज्ञ को गिरफ्तार किया गया है, जो 2018 से बिना किसी आधिकारिक अनुमति या मेडिकल डिग्री के क्लिनिक चला रहा था।

फर्जी डॉक्टरों की वजह से मरीजों की जान पर खतरा बढ़ता जा रहा है। प्रशासन द्वारा की जा रही सख्त कार्रवाई से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं में कमी आएगी और मरीजों को योग्य चिकित्सकों से ही उपचार मिलेगा।

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