8 अप्रैल महाकाल भस्म आरती: बाबा महाकाल का चंदन त्रिपुंड, रुद्राक्ष माला और रजत मुकुट से हुआ भव्य श्रृंगार, दर्शन करिए यहां

उज्जैन (शिखर दर्शन) // चैत्र माह की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि मंगलवार को उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में अल सुबह चार बजे मंदिर के कपाट खुलते ही भक्तों की आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सबसे पहले भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। इसके पश्चात दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से विधिपूर्वक अभिषेक कर विशेष पूजन संपन्न हुआ।
महाअभिषेक के उपरांत भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। बाबा को रजत से निर्मित शेषनाग मुकुट, रुद्राक्ष की माला और गुलाब के फूलों से बनी सुगंधित पुष्पमाला से श्रृंगारित किया गया। तत्पश्चात उन्हें ताजे फलों और मिष्ठानों का भोग अर्पित किया गया।
सुबह की भस्म आरती में देशभर से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और महाकाल के दिव्य दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज के कान में जाकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद मांगा। मंदिर प्रांगण ‘हर हर महादेव’, ‘जय जय श्री महाकाल’ और ‘ॐ नमः शिवाय’ के गगनभेदी जयकारों से गूंजता रहा।
श्रद्धा और भक्ति के इस आलौकिक वातावरण ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि महाकाल की नगरी उज्जैन में हर दिन एक पर्व के समान है।