रामनवमी पर श्री महाकालेश्वर का दिव्य श्रृंगार और अलौकिक भस्म आरती, श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट:
उज्जैन (शिखर दर्शन) // विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में चैत्र शुक्ल नवमी, रविवार तड़के अलौकिक भस्म आरती के साथ रामनवमी पर्व मनाया गया। सुबह 4 बजे जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, बाबा महाकाल के दिव्य अभिषेक और श्रृंगार ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
भगवान महाकाल का सबसे पहले शुद्ध जल से अभिषेक किया गया। इसके पश्चात दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से तैयार पंचामृत से विधिवत पूजन किया गया। महाअभिषेक के बाद बाबा महाकाल को भस्म चढ़ाई गई, जो इस मंदिर की विशिष्ट परंपरा है।
श्रृंगार में भगवान को रजत निर्मित शेषनाग का मुकुट, रुद्राक्ष की माला और गुलाब के फूलों से बनी सुगंधित माला पहनाई गई। महाप्रसाद स्वरूप फल एवं मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया। तड़के से ही मंदिर परिसर श्रद्धा और भक्ति से सराबोर रहा।
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सुबह भस्म आरती में भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं कहकर आशीर्वाद मांगा। इस दौरान ‘जय श्री महाकाल’, ‘हर हर महादेव’, ‘हर हर शंभू’ और ‘ॐ नमः शिवाय’ के उद्घोष से सम्पूर्ण मंदिर प्रांगण गूंज उठा।