राष्ट्रीय

‘भारत कुमार’ मनोज कुमार पंचतत्व में विलीन, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

मुंबई (शिखर दर्शन) //
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और देशभक्ति की भावना को परदे पर जीवंत कर देने वाले ‘भारत कुमार’ के नाम से मशहूर मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे। 87 वर्ष की उम्र में उन्होंने कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। बीते कुछ हफ्तों से वे डीकंपेंसेटेड लिवर सिरोसिस नामक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। इलाज के दौरान ही सोमवार को उनका निधन हो गया।

मनोज कुमार का अंतिम संस्कार विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी और पूरे सम्मान के साथ उन्हें पंचतत्व में विलीन कर दिया गया। अंतिम विदाई के लिए उनके पार्थिव शरीर को सुबह 10 बजे के आसपास कोकिलाबेन अस्पताल से उनके आवास लाया गया, जहां परिजनों, मित्रों और सिनेमा जगत की हस्तियों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी।

मनोज कुमार का जन्म 1937 में हरिकृष्ण गोस्वामी के नाम से हुआ था। उन्होंने अभिनय के अलावा फिल्म निर्देशन, पटकथा लेखन, गीत लेखन और संपादन के क्षेत्र में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी। ‘शहीद’, ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’, और ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी कालजयी फिल्मों के जरिए उन्होंने देशभक्ति को एक नई पहचान दी। यही कारण है कि उन्हें ‘भारत कुमार’ की उपाधि से नवाज़ा गया।

मनोज कुमार के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

भारतीय सिनेमा को समर्पित यह महान कलाकार अब भले ही इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनकी देशभक्ति, सादगी और सिनेमा को दी गई अमूल्य धरोहर हमेशा उन्हें अमर बनाए रखेगी।

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