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वक्फ संशोधन विधेयक पास होने पर पीएम मोदी की पहली प्रतिक्रिया: थाईलैंड से मुस्लिम समाज को भेजा विशेष संदेश, कहा – “अब बनेगा पारदर्शी और दयालु भारत”

नई दिल्ली/बैंकॉक (शिखर दर्शन) // वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024 को संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – से पारित किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंचे पीएम मोदी ने मुस्लिम समाज के नाम विशेष संदेश जारी किया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लगातार चार ट्वीट करते हुए वक्फ विधेयक के महत्व और इसके सामाजिक प्रभाव को लेकर विचार साझा किए।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस विधेयक को सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने लिखा कि इस कानून से मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुस्लिमों और पसमांदा समुदायों को विशेष लाभ मिलेगा, जो वर्षों से हाशिए पर हैं और जिन्हें बराबरी के अधिकारों और अवसरों से वंचित रखा गया था।

न्याय, पारदर्शिता और समावेश की दिशा में ऐतिहासिक कदम

पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा –
“संसद के दोनों सदनों द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का पारित होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में हमारी सामूहिक खोज में एक महत्वपूर्ण क्षण है। इससे उन लोगों को लाभ मिलेगा जिन्हें वर्षों से आवाज़ और अवसर दोनों से वंचित रखा गया।”

उन्होंने संसदीय समिति, भाग लेने वाले सांसदों और जनता द्वारा दिए गए सुझावों के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया “व्यापक संवाद और लोकतांत्रिक विमर्श की ताकत” को दर्शाती है।

मुस्लिम समाज में आएगी पारदर्शिता और जवाबदेही

प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से वक्फ व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव रहा, जिससे मुस्लिम महिलाओं और कमजोर वर्गों को नुकसान पहुंचा। अब नए कानून पारदर्शिता लाएंगे और अधिकारों की रक्षा करेंगे।

हर नागरिक को मिलेगा सम्मान और बराबरी

अपने अंतिम ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा –
“हम अब ऐसे युग में प्रवेश करेंगे जहाँ व्यवस्था अधिक आधुनिक और सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशील होगी। हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी रास्ते पर हम एक अधिक मजबूत, समावेशी और दयालु भारत का निर्माण करेंगे।”

थाईलैंड से दिया गया यह संदेश मुस्लिम समाज के प्रति केंद्र सरकार की संवेदनशीलता और समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है। अब यह विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद कानून बनेगा।

अगर आप चाहें तो इस खबर का छोटा संस्करण या सोशल मीडिया के लिए संक्षिप्त पोस्ट भी तैयार किया जा सकता है।

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