4 अप्रैल महाकाल आरती: भगवान महाकालेश्वर का त्रिनेत्र अर्पण, दिव्य आभूषणों से देवी स्वरूप में भव्य श्रृंगार, यहां करें ऑनलाइन दर्शन

विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट:
उज्जैन (शिखर दर्शन) // मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में चैत्र माह शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि शुक्रवार को सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। भगवान महाकाल का सबसे पहले जल से अभिषेक किया गया, जिसके बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन विधि संपन्न की गई।
नवरात्रि के सातवें दिन भगवान महाकाल के मस्तक पर त्रिनेत्र अर्पित कर उन्हें देवी स्वरूप में भव्य आभूषणों से श्रृंगारित किया गया। श्री महाकालेश्वर को भस्म अर्पित की गई। इसके बाद उन्हें शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों से बनी माला धारण कराई गई। भगवान को फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया, तथा ड्रायफ्रूट से आकर्षक श्रृंगार किया गया।
भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर दर्शन लाभ प्राप्त किया। भक्तों ने नंदी महाराज के कान में जाकर अपनी मनोकामनाएं प्रकट कीं और आशीर्वाद मांगा। मंदिर परिसर ‘जय जय श्री महाकाल’, ‘हर हर महादेव’, ‘हर हर शंभू’ और ‘ॐ नमः शिवाय’ के जयकारों से गूंजता रहा।