दिल्ली

वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास: असदुद्दीन ओवैसी ने फाड़ी बिल की प्रति, कहा- मुसलमानों को अपमानित करने की साजिश

नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // लोकसभा में 12 घंटे की लंबी बहस के बाद वक्फ संशोधन बिल बुधवार देर रात 1:56 बजे पास हो गया। इस दौरान कुल 520 सांसदों ने मतदान में भाग लिया, जिसमें 288 ने पक्ष में और 232 ने विरोध में वोट डाले। बिल पर चर्चा के दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इसकी प्रति फाड़ दी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुसलमानों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित करने और अपमानित करने की साजिश है।

बिल फाड़ते हुए ओवैसी ने क्या कहा?

चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक को संविधान के अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 26 (धार्मिक संस्थानों के संचालन का अधिकार) का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बिल के जरिए मुस्लिम धार्मिक संस्थानों पर प्रशासनिक नियंत्रण कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने लोकसभा में घोषणा की—

“गांधी जी के सामने जब एक ऐसा कानून लाया गया, जो उनको कबूल नहीं था, तो उन्होंने कहा कि वह इस कानून को मानते नहीं हैं और उसे फाड़ते हैं। मैं भी गांधी जी की तरह इस बिल को फाड़ता हूं।”

इसके बाद उन्होंने बिल की प्रति फाड़कर विरोध दर्ज कराया।

सरकार पर वक्फ संपत्तियों को कमजोर करने का आरोप

ओवैसी ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने से वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जों को कानूनी मान्यता मिल जाएगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति वक्फ संपत्ति पर अवैध रूप से काबिज हो जाता है, तो सरकार लिमिटेशन एक्ट लागू करके उस अतिक्रमण को वैध कर देगी। इससे रातों-रात अतिक्रमणकर्ता संपत्ति का कानूनी मालिक बन जाएगा, जो न्याय की भावना के खिलाफ है।

उन्होंने दावा किया कि सरकार मुस्लिम वक्फ संपत्तियों को कमजोर कर रही है, ताकि समुदाय की आर्थिक और शैक्षणिक प्रगति को बाधित किया जा सके। ओवैसी ने 2007 की सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सिर्फ दिल्ली में 123 वक्फ संपत्तियों की कीमत 6000 करोड़ रुपये थी, लेकिन सरकार नए कानूनों के माध्यम से इन संपत्तियों को हड़पने की साजिश कर रही है।

विधेयक में क्या बदला गया ?

केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक में सेक्शन 40 को हटाने के साथ ही वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव किया है। अब बोर्ड में 10 मुस्लिम और 4 गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे। इस पर ओवैसी ने सवाल उठाया कि गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति से वक्फ संपत्तियों की रक्षा कैसे संभव होगी?

न्यायिक अपील के अधिकार को खत्म करने का आरोप

ओवैसी ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने से वक्फ संपत्तियों से संबंधित मामलों में न्यायिक अपील का अधिकार समाप्त हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अन्य ट्रिब्यूनलों (रेलवे ट्रिब्यूनल, इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल) में अपील का अधिकार होता है, लेकिन वक्फ मामलों में यह अधिकार खत्म किया जा रहा है, जिससे भविष्य में मुस्लिम समुदाय को न्याय पाना मुश्किल हो जाएगा।

सरकार का बचाव: ‘हर समुदाय की राय ली गई’

इस बीच, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि सरकार ने इसे लाने से पहले समाज के सभी वर्गों से राय-मशविरा किया है। उन्होंने कहा—

“अगर हम यह बिल नहीं लाते, तो संसद भवन भी वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित हो जाता। कांग्रेस सरकार ने 123 प्रॉपर्टी वक्फ को दी थीं। अब हम इसे पारदर्शी बना रहे हैं।”

विपक्ष का हंगामा, आज राज्यसभा में पेश होगा विधेयक

लोकसभा में बिल के पास होने के बाद आज इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। विपक्षी दलों ने इस पर कड़ा विरोध जताया और इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ बताया

अब देखना होगा कि राज्यसभा में इस विधेयक को लेकर क्या स्थिति बनती है और विपक्ष कितना विरोध दर्ज कर पाता है।

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