विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में पेश हुआ वक्फ संशोधन विधेयक, किरेन रिजिजू बोले— ‘बिल नहीं लाते तो संसद भवन भी वक्फ बोर्ड का हो जाता’

विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में पेश हुआ वक्फ संशोधन विधेयक, किरेन रिजिजू बोले— ‘बिल नहीं लाते तो संसद भवन भी वक्फ बोर्ड का हो जाता’
नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // लोकसभा में मंगलवार को भारी हंगामे के बीच वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल पेश करते हुए विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार ने 2014 में चुनाव से पहले 123 प्राइम प्रॉपर्टी दिल्ली वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। साथ ही उन्होंने दावा किया कि यदि सरकार इस बिल को नहीं लाती, तो संसद भवन भी वक्फ बोर्ड की संपत्ति बन सकता था।
विपक्ष के हंगामे के बीच विधेयक पेश, 8 घंटे की चर्चा शुरू
विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू हुई। रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक को लाने से पहले समाज के हर वर्ग से राय ली गई है और 25 राज्यों ने अपने सुझाव दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कानून में किसी भी धार्मिक गतिविधि में हस्तक्षेप का प्रावधान नहीं है, बल्कि यह केवल संपत्ति के प्रबंधन से जुड़ा हुआ है।
‘यूपीए सरकार होती तो और भी संपत्तियां डिनोटिफाई हो जातीं’
बिल पर चर्चा के दौरान किरेन रिजिजू ने खुलासा किया कि 2013 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने संसद भवन को भी वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था, जिसे बाद में यूपीए सरकार ने डिनोटिफाई कर दिया। उन्होंने कहा,
“अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं होती और यह संशोधन विधेयक नहीं लाया जाता, तो जिस संसद में हम बैठे हैं, वह भी वक्फ बोर्ड की संपत्ति बन चुकी होती। यूपीए सरकार के रहते हुए और भी कई संपत्तियां डिनोटिफाई हो सकती थीं।”
‘विरोध करने वालों का हृदय परिवर्तन होगा’
रिजिजू ने कहा कि वक्फ कानून पहले भी संशोधित किया गया था, लेकिन इसे कभी भी असंवैधानिक नहीं कहा गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब वक्फ से जुड़े किसी भी फैसले को कानूनी चुनौती दी जा सकती है। सरकार ने वक्फ प्रबंधन को पारदर्शी बनाने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करने का भी प्रस्ताव दिया है, जो 5 लाख से अधिक संपत्तियों की निगरानी करेगा।
वक्फ बोर्ड को सेक्युलर बनाने की पहल
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार वक्फ बोर्ड को धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) बनाना चाहती है। इसके तहत,
- वक्फ बोर्ड में अब शिया, सुन्नी, बोहरा और मुस्लिम बैकवर्ड क्लास के अलावा गैर-मुस्लिम विशेषज्ञ भी शामिल किए जाएंगे।
- बोर्ड में चार गैर-मुस्लिम सदस्य और दो महिला सदस्य अनिवार्य रूप से रहेंगे।
- वक्फ का दावा करने के लिए कम से कम पांच साल तक इस्लाम धर्म को मानने की शर्त रखी गई है।
‘हम मस्जिदों के संचालन में हस्तक्षेप नहीं कर रहे’
रिजिजू ने विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस विधेयक का मस्जिदों या धार्मिक गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा,
“अगर कोई मुसलमान जकात देता है, तो उसे कौन रोक सकता है? हम बस वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट की पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहे हैं।”
लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को दी नसीहत
चर्चा के दौरान विपक्षी दलों के नेता बार-बार टोका-टाकी कर रहे थे। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, “भारत की संसद में बैठे हो, गरिमा का ध्यान रखो। बिना अनुमति कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।”
रिजिजू का शेर— ‘जमीं का दर्द आसमां न समझे’
बिल पर चर्चा के दौरान किरेन रिजिजू ने शेर पढ़ते हुए कहा,
“किसी के बात कोई बदगुमां न समझे,
कि जमीं का दर्द कभी आसमां न समझे।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वे जल्द ही इसका समर्थन करेंगे, क्योंकि यह समाज के सभी वर्गों के हित में है।
निष्कर्ष
वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा अभी जारी है और इस पर 8 घंटे तक बहस होगी। विपक्ष इस बिल का जोरदार विरोध कर रहा है, जबकि सरकार इसे वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी और निष्पक्ष प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बता रही है।