दिल्ली

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश, विपक्ष ने किया विरोध, AIMIM ने दी आंदोलन की चेतावनी

नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पेश किया गया, जिसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे विधेयक को सदन में रखा, जिसके बाद इस पर आठ घंटे की चर्चा प्रस्तावित है। विपक्षी दलों ने बिल के विरोध में एकजुटता दिखाई और इसके खिलाफ वोट करने का फैसला लिया। वहीं, AIMIM ने इस विधेयक को मुसलमानों पर ‘थोपने की कोशिश’ बताते हुए देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।

विपक्षी दलों की रणनीतिक बैठक

विधेयक के लोकसभा में पेश होने से पहले इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने अहम बैठक की, जिसमें विपक्ष ने सर्वसम्मति से इस बिल का विरोध करने और इसके खिलाफ वोट करने का निर्णय लिया। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी काले कपड़ों में संसद पहुंचे और ‘रिजेक्ट वक्फ बिल’ लिखी तख्ती लेकर विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने सरकार पर संविधान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों की स्थिति को कमजोर करने वाला है।

AIMIM की चेतावनी – ‘दिल्ली से करेंगे आंदोलन की शुरुआत’

AIMIM के दिल्ली स्टेट प्रेसिडेंट शोएब जमई ने कहा कि यदि सरकार जबरन यह विधेयक लागू करने की कोशिश करती है, तो देशभर में उग्र आंदोलन होगा। उन्होंने ऐलान किया कि इस विरोध की शुरुआत दिल्ली से होगी, जहां पिछला आंदोलन समाप्त हुआ था। उनका कहना है कि वे अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इस विधेयक का पुरजोर विरोध करेंगे।

सरकार का पक्ष – ‘देशहित में है विधेयक’

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह विधेयक देशहित में लाया जा रहा है और इससे न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि पूरे देश को लाभ मिलेगा। उन्होंने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार तार्किक बहस के लिए तैयार है, लेकिन विरोध केवल राजनीतिक कारणों से हो रहा है।

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव

विधेयक पेश होने से पहले सत्ता पक्ष के सांसदों की एक बैठक संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के कार्यालय में हुई। दूसरी ओर, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस सांसदों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार की।

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर संसद के भीतर और बाहर राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि इस बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी रस्साकशी किस नतीजे पर पहुंचती है।

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