‘ऑपरेशन प्रहार’ से नक्सलियों पर सख्त कार्रवाई, अब सिर्फ 6 जिले गंभीर रूप से प्रभावित: गृह मंत्रालय की रिपोर्ट

नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // देश में नक्सलवाद का प्रभाव लगातार सिमटता जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है, जिससे कई इलाके नक्सल मुक्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक पूरे देश को नक्सलवाद मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में गृह मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित जिलों की नई समीक्षा रिपोर्ट जारी की है।
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटकर 6 रह गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस उपलब्धि पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है और इस सख्त कार्रवाई का परिणाम यह रहा कि नक्सलवाद से सबसे अधिक प्रभावित जिलों की संख्या आधी रह गई है।
अब सिर्फ 6 जिले गंभीर रूप से प्रभावित
गृह मंत्रालय के अनुसार, देश में वर्तमान में केवल छह जिले ही गंभीर रूप से नक्सल प्रभावित रह गए हैं। इनमें छत्तीसगढ़ के बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर और सुकमा, झारखंड का पश्चिमी सिंहभूम और महाराष्ट्र का गढ़चिरौली शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई, नए सुरक्षा शिविरों की स्थापना और विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से नक्सली गतिविधियों में भारी गिरावट आई है।
सुरक्षा व्यवस्था और विकास योजनाओं का प्रभाव
नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने के साथ ही केंद्र सरकार वहां बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर भी जोर दे रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन इलाकों में सड़कों का विस्तार, परिवहन सुविधाओं का विकास, बिजली और पानी की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा, शासन की अन्य योजनाओं को भी प्रभावी रूप से लागू किया गया है। गृह मंत्रालय के अनुसार, भारत के कुल 38 जिले नक्सल प्रभावित हैं, लेकिन अब इनमें से केवल 6 ही उच्च स्तर पर प्रभावित रह गए हैं।
विशेष केंद्रीय सहायता योजना का लाभ
केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित जिलों के विकास के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना चलाई है। इसके तहत सबसे अधिक प्रभावित जिलों को 30 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है, जबकि अन्य प्रभावित जिलों को 10 करोड़ रुपये की मदद मिलती है। इसके अलावा, आवश्यकता पड़ने पर विशेष परियोजनाओं का भी प्रावधान किया गया है।
नए सुरक्षा शिविरों से कोर क्षेत्रों में नियंत्रण
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, नक्सल प्रभावित इलाकों में नए सुरक्षा शिविरों की स्थापना की गई है, जिससे कोर क्षेत्रों में उग्रवाद पर नियंत्रण संभव हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए देश ने वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित जिलों की संख्या को 12 से घटाकर मात्र छह करके एक नई उपलब्धि हासिल की है।”
सरकार का यह सख्त रुख स्पष्ट संकेत देता है कि आने वाले समय में नक्सलवाद पर और अधिक प्रभावी नियंत्रण किया जाएगा। केंद्र सरकार नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में ‘ऑपरेशन प्रहार’ जैसी रणनीतियों के तहत लगातार कार्रवाई कर रही है।