24 मार्च महाकाल आरती: त्रिपुंड, त्रिनेत्र और चंद्र अर्पित कर हुआ बाबा महाकाल का भव्य श्रृंगार, यहां करे दर्शन

विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट:
उज्जैन (शिखर दर्शन) // चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर सोमवार प्रातः 4 बजे विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गए। भगवान महाकाल का सबसे पहले पवित्र गंगा जल से अभिषेक कर दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन-अभिषेक किया गया।
सोमवार को भगवान महाकाल का भांग, चंदन और आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया। भगवान को भस्म चढ़ाई गई और शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला तथा सुगंधित पुष्पों की माला धारण कराई गई। बाबा को फल व मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया, वहीं ड्रायफ्रूट से आकर्षक श्रृंगार किया गया।
प्रातः भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दिव्य दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं व्यक्त कर भोलेनाथ तक पहुंचाने की विनती की । इस दौरान मंदिर परिसर “जय जय श्री महाकाल”, “हर हर महादेव”, “हर हर शंभू” और “ॐ नमः शिवाय” के जयकारों से गूंज उठा।