भारत में लॉन्च हुई मोटापा और मधुमेह की नई दवा ‘मौनजारो’, एली लिली का बड़ा कदम

नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // मोटापा और टाइप-2 मधुमेह से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत की खबर है। अमेरिकी दवा कंपनी एली लिली (Eli Lilly) ने भारत में ‘मौनजारो’ (Mounjaro) नामक दवा लॉन्च की है, जो वजन घटाने और रक्त शर्करा नियंत्रण में कारगर साबित हो सकती है। यह दवा भारतीय दवा नियामक से स्वीकृति प्राप्त करने के बाद बाजार में उपलब्ध हुई है।
क्या है मौनजारो की कीमत?
एली लिली ने इस दवा की कीमत वैश्विक बाजार की तुलना में कम रखी है ताकि अधिक से अधिक भारतीय मरीज इसका लाभ उठा सकें।
- 5 MG vial – ₹4,375
- 2.5 MG vial – ₹3,500
इस दवा का मासिक खर्च डॉक्टर द्वारा निर्धारित डोज के आधार पर ₹14,000 से ₹17,500 तक हो सकता है।
कैसे काम करती है मौनजारो?
यह दवा GIP (ग्लूकोज-डिपेंडेंट इंसुलिनोट्रोपिक पॉलीपेप्टाइड) और GLP-1 (ग्लुकागन-लाइक पेप्टाइड-1) हार्मोन रिसेप्टर्स को सक्रिय करती है। इससे शरीर में इंसुलिन उत्पादन बढ़ता है, ग्लूकागोन स्तर घटता है, और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है। इसके अलावा, यह भूख को नियंत्रित करने और वसा की मात्रा को कम करने में सहायक है।
भारत में मोटापा और मधुमेह की गंभीर स्थिति
भारत में मधुमेह और मोटापे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
- 10.1 करोड़ भारतीय मधुमेह से प्रभावित
- 2023 तक 10 करोड़ लोग मोटापे का शिकार
- मोटापा 200 से अधिक बीमारियों को जन्म दे सकता है, जिनमें हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और स्लीप एपनिया शामिल हैं।
भारत में क्यों कम रखी गई मौनजारो की कीमत?
दुनिया भर में GLP-1 श्रेणी की दवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है, और भारत एक बड़ा बाजार बन सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एली लिली ने भारत में इसकी कीमत अपेक्षाकृत कम रखी है।
भारतीय कंपनियों की तैयारी
सेमाग्लूटाइड नामक इसी श्रेणी की एक प्रमुख दवा का पेटेंट मार्च 2025 में समाप्त हो जाएगा। इसके बाद भारतीय कंपनियाँ Mankind Pharma, Alkem Labs और Dr Reddy’s Laboratories इस तरह की जेनेरिक दवाओं को बाजार में उतारने की योजना बना रही हैं।
ब्लड शुगर का सामान्य स्तर क्या होना चाहिए?
- फास्टिंग ब्लड शुगर – 80 से 100 mg/dL (सामान्य)
- 100-125 mg/dL – प्रीडायबिटीज
- 126 mg/dL से अधिक – डायबिटीज
- HbA1c 5.7% से 6.4% – प्रीडायबिटीज
- HbA1c 6.5% से अधिक – डायबिटीज
विशेषज्ञों का मानना है कि 40 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों को विशेष रूप से ब्लड शुगर की नियमित जांच करानी चाहिए।
निष्कर्ष
मौनजारो भारतीय बाजार में मोटापा और मधुमेह के उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हो सकती है। इसकी किफायती कीमत और प्रभावी परिणाम इसे तेजी से लोकप्रिय बना सकते हैं। भारत में बढ़ते मधुमेह और मोटापे की चुनौती से निपटने के लिए यह दवा एक अहम कदम साबित हो सकती है।