नागपुर हिंसा मामले में NIA की एंट्री, औरंगजेब की कब्र तक पहुंची जांच एजेंसी, 100 से ज्यादा गिरफ्तार

नागपुर (शिखर दर्शन) // नागपुर में भड़की हिंसा की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपने हाथ में ले ली है। एजेंसी की टीम ने छत्रपति संभाजीनगर पहुंचकर औरंगजेब की कब्र (Aurangzeb Tomb) और उसके आसपास के इलाके का दौरा किया। वहां मौजूद स्थानीय लोगों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई गई। इस बीच, हिंसा के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश और बांग्लादेशी कनेक्शन के संकेत मिलने के बाद NIA जल्द ही इस मामले में औपचारिक रूप से केस दर्ज कर सकती है।
17 मार्च को भड़की थी हिंसा, 100 से ज्यादा गिरफ्तार
17 मार्च को नागपुर में हिंसा उस समय भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र हटाने और वहां रखी धार्मिक आयतों वाली चादर जलाने की कोशिश की गई। इस अफवाह के बाद सैकड़ों उपद्रवी सड़कों पर उतर आए और जमकर तोड़फोड़ की। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, पेट्रोल बम फेंके गए और पुलिस पर पथराव किया गया। हिंसा में डीसीपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने अब तक इस मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और 10 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके अलावा, 34 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है, जिनके जरिए हिंसा भड़काने वाली अफवाहें फैलाई गई थीं।
हिंसा का मास्टरमाइंड फहीम खान गिरफ्तार
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस हिंसा का मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान है, जिसे 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने उसे 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। फहीम खान पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा भड़काने का आरोप है। उसके अलावा, छह अन्य आरोपियों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।
कांग्रेस की टीम करेगी हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने नागपुर के दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए एक समिति गठित की है। इस समिति में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे, नितिन राउत, यशोमति ठाकुर, हुसैन दलवई और साजिद पठान शामिल हैं। कांग्रेस जिला प्रमुख और विधायक विकास ठाकरे को संयोजक बनाया गया है, जबकि एआईसीसी सचिव प्रफुल पाटिल को समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है।
कैसे भड़की नागपुर हिंसा?
हिंसा की शुरुआत 17 मार्च की शाम नागपुर में उस समय हुई जब अफवाह फैली कि छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग के दौरान धार्मिक चादर को जलाया गया। इसके बाद हिंसक भीड़ ने पथराव, आगजनी और पेट्रोल बम हमलों के जरिए शहर में दहशत फैला दी। हालात बिगड़ने पर पुलिस को कर्फ्यू लगाना पड़ा और भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई।
NIA अब इस मामले में अंतरराष्ट्रीय साजिश और बांग्लादेशी कनेक्शन की जांच कर रही है। जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।