भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाले पर सदन में हंगामा, विपक्ष ने की सीबीआई जांच की मांग

रायपुर (शिखर दर्शन) // भारतमाला परियोजना में हुए मुआवजा घोटाले को लेकर विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस घोटाले से भारत सरकार को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की, जिससे सदन में तीखी बहस छिड़ गई।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने स्वीकार किया कि मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने बताया कि कई मामलों में भू-अधिग्रहण के बाद जमीन के टुकड़े कर दिए गए, मुआवजा असली मालिक की बजाय अन्य लोगों को दिया गया और ट्रस्ट की जमीन का मुआवजा किसी निजी व्यक्ति को सौंप दिया गया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही हैं और सभी मामलों की जांच की जा रही है।
विपक्ष की ओर से सीबीआई जांच की मांग पर मंत्री ने स्पष्ट किया कि पूरे मामले की जांच संभागीय आयुक्त से कराई जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने भी कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में सीबीआई की एंट्री पर रोक लगा दी गई थी, जबकि अब विपक्ष इसकी मांग कर रहा है।
सीबीआई जांच की मांग खारिज होने पर विपक्ष ने विधायक दल से जांच कराने की मांग की, जिसे सरकार ने अस्वीकार कर दिया। मुख्यमंत्री और मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वे इस मामले में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे, जिस पर सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं।