बंदी प्रत्यक्षीकरण पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: मां के साथ रह रही बेटियां अवैध हिरासत में नहीं

जबलपुर (शिखर दर्शन) // मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि यदि बेटियां अपनी मां के साथ रह रही हैं, तो इसे अवैध हिरासत नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने यह कहते हुए पिता की याचिका खारिज कर दी कि यह मामला अवैध हिरासत का नहीं, बल्कि वैवाहिक विवाद का है।
यह मामला भोपाल निवासी लोकेश पटेल द्वारा दायर याचिका से जुड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और दो बेटियों को ससुराल पक्ष द्वारा किडनैप किए जाने का आरोप लगाया था। इस पर सुनवाई के दौरान उनकी पत्नी ने अदालत में उपस्थित होकर स्पष्ट किया कि वह अपनी मर्जी से पति का घर छोड़कर आई हैं और बेटियों के साथ रह रही हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया और यह अहम टिप्पणी दी कि मां के साथ रह रही बेटियों को अवैध हिरासत में नहीं माना जा सकता।