DMF घोटाला: रानू, सौम्या, सूर्यकांत समेत सभी आरोपियों की न्यायिक रिमांड बढ़ी, जेल में मनानी होगी होली

रायपुर (शिखर दर्शन) // छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित जिला खनिज निधि (DMF) घोटाला मामले में आरोपी रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, माया वारियर और मनोज द्विवेदी को मंगलवार को ACB-EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक रिमांड 19 मार्च तक बढ़ा दी, जिससे यह सभी आरोपी होली का त्योहार जेल में ही मनाएंगे।

इस बीच, आरोपियों में से सौम्या चौरसिया और रानू साहू ने जमानत याचिका दायर की है, जिस पर कोर्ट 17 मार्च को सुनवाई करेगा। DMF घोटाले की जांच राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा की जा रही है। इस मामले में करोड़ों रुपये के हेरफेर और टेंडर आवंटन में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
क्या है DMF घोटाला?
ईडी (ED) की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने इस मामले में धारा 120B और 420 के तहत केस दर्ज किया है। जांच में यह सामने आया है कि कोरबा जिले के डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड (DMF) से टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों ने साजिश रची।

जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि टेंडर की राशि का 40% कमीशन के रूप में सरकारी अधिकारियों को दिया गया, जबकि प्राइवेट कंपनियों से 15-20% अतिरिक्त कमीशन लिया गया। ED की रिपोर्ट में आईएएस अधिकारी रानू साहू और कुछ अन्य सरकारी अफसरों पर अपने पद के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया गया है।
DMF घोटाले में बड़े प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता के कारण यह मामला छत्तीसगढ़ में राजनीतिक और कानूनी रूप से बेहद संवेदनशील बन गया है। अब सभी की नजरें 17 मार्च को होने वाली जमानत याचिका पर टिकी हैं।