रायपुर संभाग

ईडी की बड़ी कार्रवाई: 11 घंटे की पूछताछ के बाद बाहर आए भूपेश बघेल, समर्थकों में नाराजगी, बेटे चैतन्य से पूछताछ जारी

रायपुर (शिखर दर्शन) // छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। 11 घंटे लंबी पूछताछ के बाद भूपेश बघेल घर से बाहर निकले और समर्थकों से मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। वहीं, ईडी की टीम अब भी उनके बेटे चैतन्य बघेल से पूछताछ कर रही है।

बड़ी मात्रा में नगदी मिलने की सूचना, नोट गिनने की मशीन लाई ईडी

सूत्रों के अनुसार, ईडी को बघेल के निवास में बड़ी मात्रा में नगदी मिलने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद बैंक अधिकारियों के साथ नोट गिनने की मशीन लाई गई। ईडी ने घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, साथ ही छह मोबाइल फोन की कॉल डिटेल और डिजिटल ट्रांजेक्शन का विश्लेषण किया जा रहा है।

14 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

ईडी की टीमें भिलाई स्थित भूपेश बघेल के आवास के अलावा प्रदेशभर में कुल 14 स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं। रायपुर, भिलाई समेत कई जिलों में ईडी अधिकारियों की अलग-अलग टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है।

बघेल के घर के बाहर कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा, जमकर नारेबाजी

ईडी की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भूपेश बघेल के निवास के बाहर भारी संख्या में जुटकर प्रदर्शन किया। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, विधायक देवेंद्र यादव, अरुण वोरा, गिरीश देवांगन, विनोद वर्मा समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने “भूपेश बघेल जिंदाबाद” और “भाजपा तेरी तानाशाही नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाए।

किस मामले में हो रही जांच?

सूत्रों के मुताबिक, ईडी की यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अनियमितताओं से जुड़े मामलों में की जा रही है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कार्रवाई किसी विशेष मामले को लेकर है या समग्र जांच का हिस्सा है। शराब घोटाला, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप मामलों में पूर्व सीएम बघेल का नाम सामने आया था, जिसके चलते वे ईडी के निशाने पर थे।

भूपेश बघेल का बयान – ‘यह षड्यंत्र है’

ईडी की छापेमारी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा –
“सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया, तो अब ईडी को मेरे निवास पर भेज दिया गया है। यह राजनीतिक षड्यंत्र है। यदि कोई सोचता है कि इससे कांग्रेस को रोका जा सकता है, तो यह उनकी गलतफहमी है।”

ईडी की इस कार्रवाई के राजनीतिक और कानूनी पहलुओं पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।

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