बिलासपुर संभाग

245 गांवों में इस गर्मी भी नहीं मिलेगी नल से जल, अधूरी पड़ी जलप्रदाय योजना

कोरबा (शिखर दर्शन) // कोरबा जिले के तीन ब्लॉकों के 245 गांवों में इस साल भी नल से जल की आपूर्ति नहीं हो पाएगी। जल जीवन मिशन के तहत एतमानगर समूह जलप्रदाय योजना का कार्य धीमी गति से चल रहा है, जिससे गर्मी में ग्रामीणों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ेगा। योजना के तहत पाइपलाइन और नल कनेक्शन तो लग चुके हैं, लेकिन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और पानी टंकियों का निर्माण अधूरा पड़ा है।

नाले का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
पाली ब्लॉक के राजकम्मा समेत कई गांवों में पाइपलाइन बिछ चुकी है और घर-घर नल कनेक्शन भी हो गए हैं, लेकिन नलों से पानी नहीं आ रहा। स्थानीय निवासी रजनी बाई और रामलाल बंजारे ने बताया कि आज भी ग्रामीणों को करीब एक किलोमीटर दूर नाले से पानी लाना पड़ता है। गर्मी के मौसम में जलस्तर और नीचे चला जाता है, जिससे पानी की समस्या और विकराल हो जाती है।

668.85 करोड़ की योजना अधर में
कार्यपालन अभियंता रमन कुमार उरांव के अनुसार, जल जीवन मिशन के तहत 668.85 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि से पोड़ी-उपरोड़ा, कटघोरा और पाली ब्लॉक के 245 गांवों में बांगो बांध से जल आपूर्ति की योजना है। इसके लिए 891 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन, 16 बड़ी पानी टंकियां और इंटेकवेल का निर्माण किया जा रहा है। इस पर 345 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। एतमानगर में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य भी चल रहा है, लेकिन अब तक सिर्फ प्लींथ लेवल तक ही काम हो पाया है।

तीन महीने में काम पूरा करने का लक्ष्य, लेकिन देरी तय
ठेका कंपनी को अगले तीन महीने में काम पूरा करना था, लेकिन अभी तक 50% कार्य भी पूरा नहीं हो सका है। इससे स्पष्ट है कि इस गर्मी में भी ग्रामीणों को नल से पानी नहीं मिलेगा। सबसे अधिक समस्या कटघोरा के खदान प्रभावित 42 गांवों में होती है, जहां गर्मी में भू-जलस्तर 30 मीटर तक गिर जाता है।

केंद्र सरकार ने इस योजना को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण यह अधर में लटक गई है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इस महत्वपूर्ण योजना को पूरा करने में और कितना समय लेती है, या फिर ग्रामीणों को अगली गर्मी भी बिना जल आपूर्ति के ही बितानी पड़ेगी।

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