श्री महाकाल भस्म आरती: मस्तक पर वैष्णव तिलक अर्पित कर आभूषणों से श्री महाकालेश्वर का विष्णु रूप में दिव्य श्रृंगार, घर बैठे यहां करें दर्शन

विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट:
उज्जैन (शिखर दर्शन) // विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर तड़के मंदिर के कपाट खोले गए। भगवान श्री महाकालेश्वर का सबसे पहले जल से अभिषेक किया गया, इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से विशेष पूजन हुआ।
भगवान श्री महाकालेश्वर के मस्तक पर वैष्णव तिलक कर उन्हें भगवान विष्णु के स्वरूप में दिव्य श्रृंगार अर्पित किया गया। बाबा श्री महाकाल को भस्म चढ़ाई गई और उन्हें शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों से बनी माला धारण कराई गई। इस दौरान भगवान को फल एवं मिष्ठान का भोग भी अर्पित किया गया।
सोमवार तड़के संपन्न हुई भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित किया। श्रद्धालु नंदी महाराज के कानों में अपनी मनोकामनाएं कहकर आशीर्वाद मांग रहे थे। पूरा मंदिर परिसर “जय जय श्री महाकाल”, “हर हर महादेव”, “हर हर शंभू” और “ॐ नमः शिवाय” के जयकारों से गूंजायमान हो उठा।