उत्तरप्रदेश

“होली पहले, नमाज बाद में” – सीएम योगी का बड़ा बयान, संभल के अफसर का किया जिक्र

लखनऊ (शिखर दर्शन) // होली और जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ने के मुद्दे पर बयानबाजी जारी है। हाल ही में संभल के सीओ के बयान के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में सीएम योगी ने स्पष्ट कहा कि एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि जुमे की नमाज तो हर शुक्रवार को होती है, जबकि होली साल में केवल एक बार आती है, इसलिए पहले होली मनाई जाए और फिर 2 बजे के बाद नमाज अदा कर ली जाए।

सीएम योगी ने उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने यह स्पष्ट किया कि होली के उत्सव को पहले संपन्न होने दिया जाए और उसके बाद नमाज अदा की जाए। उन्होंने बताया कि कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी इस बात पर सहमति जताई है कि वे इस व्यवस्था को मानेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जुमे की नमाज हर सप्ताह होती है और इसे स्थगित भी किया जा सकता है, यह कोई बाध्यकारी नहीं है कि हर हाल में इसे निर्धारित समय पर ही होना चाहिए।

“अगर मस्जिद जाना ही है तो रंग से परहेज ना करें” – योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि अगर कोई व्यक्ति फिर भी नमाज पढ़ना चाहता है तो वह घर पर भी पढ़ सकता है, जरूरी नहीं कि मस्जिद में ही जाए। लेकिन अगर मस्जिद जाना ही है तो रंगों से परहेज नहीं करना चाहिए।

संभल के पुलिस अधिकारी के बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह अधिकारी पहलवान रहा है, अर्जुन अवॉर्ड विजेता और पूर्व ओलंपियन भी है। उन्होंने कहा, “अब जब वह पहलवान है, तो बयान भी उसी अंदाज में देगा। कुछ लोगों को यह बात बुरी लग सकती है, लेकिन सच को स्वीकार करना चाहिए।”

संभल की सच्चाई उजागर होनी चाहिए – योगी

संभल को लेकर अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र की सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए। उन्होंने 1976 में हुए दंगे का जिक्र करते हुए कहा कि उसकी फाइलें दबा दी गई थीं, लेकिन अब सबकुछ साफ हो रहा है। उन्होंने कहा, “संभल में जो विस्थापित हुए थे, वे सभी लौट रहे हैं, और जब तक भगवान कल्कि आएंगे, तब तक सब आ जाएंगे।”

मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है। कई लोग इसे तर्कसंगत बता रहे हैं, तो कुछ इसे लेकर सवाल भी उठा रहे हैं। हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने अपने स्पष्ट और बेबाक अंदाज में यह संदेश दिया कि होली के रंगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और उसके बाद जुमे की नमाज अदा की जा सकती है।

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