अस्ताचलगामी सूर्य को नमन कर श्रद्धालुओं ने दिया अर्घ्य , छठ पूजा व्रत की दूसरी परम्परा धूमधाम से हुई संपन्न ,भारत का दूसरा नंबर छठघाट कहलाने लगा मरिमाई प्रांगण !
बिलासपुर//( शिखरदर्शन)/ छठ पूजा का पावन पर्व स्थानीय लोको कॉलोनी( रेलवे क्षेत्र ) मरिमाई मंदिर प्रांगण में बड़े धूम धाम से संपन्न हुवा। आयोजन समिति ने सभी श्रद्धालुओं के लिए शानदार छठघाट बनाया है जिसे समिति द्वारा एक खूबसूरत अंदाज में सजाया गया है। सभी छठ मईया का उपवास रखने वाले वा सूर्य उपासक बड़ी संख्या में इस आयोजन में उपस्थित हुए, जिन्होंने छठ पूजा की विधियां अनुसार डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया सभी उपासक निर्जला 36 घंटों के व्रत के दौर से गुजर रहे है ।और कल सुबह उगते सूर्य की आराधना कर पुनः अर्ध दे कर अपना उपवास तोड़ेंगे ।बिलासा नगरी का यह आयोजन को अगर बिलासपुर शहर की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से देखा जाए तो ये अपने आप में रेलवे लाइन के उस पर का साल का सबसे बड़ा आयोजन होता है । जिन लोगो को अरपा नदी के छठ घाट पर अत्यधिक भीड़ की वजह से घाट में जगह नहीं मिलती है उनके लिए यहां का छठ घाट एक बहुत अच्छा विकल्प भी हो सकता है। न्यू लोको कॉलोनी रेलवे क्षेत्र में जो छठ पूजा आयोजन समिति ने यह आयोजन करवाया है उसकी लोग भूरी भूरी प्रशंसा करते नजर आए छठ घाट का मनोरम दृश्य देखते बनता था यहां की लाइटिंग व्यवस्था छठ घाट की खूबसूरती में चार चांद लगा रही थी । सबसे पहले छठ आयोजन समिति के द्वारा आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दे कर एवं आराधना के पश्चात गंगा महाआरती कि गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं पूर्व विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, शहर के जाने माने डॉ राजकुमार क्षेत्रपाल के अलावा अन्य गणमन नागरिक उपस्थित थे। छठ उपासकों के द्वारा कल सुबह छठ घाट में पुनः उपस्थित होकर उगते सूर्य की आराधना की जाएगी और उसके पश्चात ही उपासक अपना व्रत तोड़ेंगे और अन्य एवं जल ग्रहण करेंगे । उपस्थित नागरिकों ने बताया की यह आयोजन लाभाग आठ दस वर्षो से अधिक रवि पासवान के नेतृत्व एवम मार्गदर्शन में किया जा रहा है जो की आज एक भव्य रूप ले चुका है और अब बिलासपुर की जनता को लगता है की यह इतने बड़े भूभाग में लोगो को एक साथ पूजा करने की जो व्यवस्था होती है शायद बिलासपुर में अरपा के बाद मरमाई मंदिर प्रांगण निश्चित रूप से भारत का दूसरा नंबर छटघाट हो सकता है ।