जल जीवन मिशन में अनियमितताओं पर भाजपा का हमला, पीएचई मंत्री ने कड़ी कार्रवाई का दिया आश्वासन

रायपुर (शिखर दर्शन) // छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने जल स्रोत नहीं होने के बावजूद पाइपलाइन बिछाने और टंकी निर्माण को “खुला भ्रष्टाचार” करार देते हुए सवाल किया कि क्या दोषी अफसरों पर कार्रवाई होगी? इस पर पीएचई मंत्री अरुण साव ने स्पष्ट किया कि जल स्रोत के मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि चार महीने पहले उन्होंने इस विषय में विस्तृत जानकारी मांगी थी, लेकिन अब तक जवाब नहीं मिला कि कितने गांवों में जल स्रोत नहीं हैं और कितने गांवों में पाइपलाइन और टंकी बनाई गई है। जवाब में पीएचई मंत्री ने बताया कि हर योजना में जल स्रोत चिन्हित किया गया था और 653 गांवों में पाइपलाइन और टंकी निर्माण हुआ है। साथ ही, अप्रैल 2023 में हैंडपंप टेंडर के बाद छह कार्यपालन अभियंताओं को निलंबित किया गया था।
भाजपा विधायक ने सवाल उठाया कि जब डीपीआर तैयार किया गया था, तब जल स्रोत नहीं पाया गया था, फिर भी पाइपलाइन और टंकी बनाई गई। इसे भ्रष्टाचार बताते हुए उन्होंने पूछा कि क्या दोषी अधिकारियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी? इस पर मंत्री ने कहा कि अधूरे कार्यों के लिए ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी इस मुद्दे पर नाराजगी जताई और कहा कि मंत्रियों को सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों का समय पर जवाब देना चाहिए।
इससे पहले भाजपा विधायक गोमती साय ने पत्थलगांव क्षेत्र में जल जीवन मिशन के अधूरे कार्यों को लेकर सवाल उठाया। मंत्री अरुण साव ने जवाब में कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 19,656 गांवों को शामिल किया गया था और योजना को 2028 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि 80.03% नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं, ट्यूबवेल खनन का काम 2023 से शुरू हुआ है और अब तक आधा कार्य पूरा हो चुका है। 2,711 पानी टंकियों का निर्माण हुआ है, जबकि 351 ठेकेदारों के कार्य निरस्त किए गए और 15 को बाहर किया गया है।
भाजपा विधायकों ने अधूरे कार्यों की समयसीमा तय करने की मांग की, जिस पर मंत्री ने कहा कि सरकार पूरी ताकत से कार्य को पूरा करेगी।