रायपुर संभाग

छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव 2025: भाजपा का दबदबा, रायपुर में मीनल चौबे और रायगढ़ में जीववर्धन चौहान आगे

रायपुर (शिखर दर्शन) // छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना जारी है और अब तक के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सभी प्रमुख नगर निगमों में बढ़त बनाए हुए है। रायपुर नगर निगम में भाजपा महापौर प्रत्याशी मीनल चौबे 27,298 वोटों से आगे चल रही हैं। अब तक 87,425 वोटों की गिनती हो चुकी है, जिसमें मीनल चौबे को 54,899 वोट, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी दीप्ति दुबे को 27,601 वोट मिले हैं।

रायगढ़ में भी भाजपा ने बढ़त बना ली है। वहां भाजपा महापौर प्रत्याशी जीववर्धन चौहान ने 25,000 वोटों से बढ़त हासिल कर ली है। इसी तरह दुर्ग में भाजपा की अल्का बाघमार भी 25,000 वोटों से आगे चल रही हैं। इसके अलावा, 37 वार्डों में भाजपा के पार्षद प्रत्याशी आगे चल रहे हैं, जिससे पार्टी की स्थिति मजबूत होती दिख रही है।

रायपुर नगर निगम: कांग्रेस के गढ़ में भाजपा की सेंध

रायपुर नगर निगम में कांग्रेस का दशकों से दबदबा रहा है। साल 2004 में सुनील सोनी को छोड़कर भाजपा कभी महापौर पद नहीं जीत पाई थी। लेकिन इस बार के रुझान संकेत दे रहे हैं कि भाजपा इस परंपरा को तोड़ सकती है।

अब तक 70,000 वोटों की गिनती पूरी हो चुकी है, जिसमें मीनल चौबे को 43,000 वोट मिले हैं। अगर यही रुझान बरकरार रहे तो भाजपा रायपुर नगर निगम में 20 साल बाद दोबारा वापसी कर सकती है।

रायपुर नगर निगम का इतिहास

रायपुर नगर निगम की स्थापना ब्रिटिश शासनकाल में 17 मई 1867 को “रायपुर नगर समिति” के रूप में हुई थी। 1973 में इसे नगर निगम का दर्जा दिया गया, और तब इसमें 40 वार्ड थे।

1980 में पहले नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के स्वरूपचंद जैन महापौर बने। इसके बाद 1981 से 1985 तक कांग्रेस का ही दबदबा रहा। 1985 से 1995 तक प्रशासकों ने निगम का संचालन किया। 1995 में नगर निगम के वार्डों की संख्या 60 कर दी गई और कांग्रेस के बलबीर एस जुनेजा महापौर बने।

2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहले महापौर तरुण प्रसाद चटर्जी बने, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए। 2004 के निकाय चुनाव में पहली बार भाजपा के सुनील सोनी ने कांग्रेस को हराकर महापौर पद जीता था।

2010 से 2015 तक कांग्रेस की किरणमयी नायक रायपुर की पहली महिला महापौर बनीं। इसके बाद 2015 से 2020 तक प्रमोद दुबे, फिर 2020 से 2025 तक एजाज ढेबर महापौर रहे।

पहली बार हुआ प्रत्यक्ष महापौर चुनाव

भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में महापौर का अप्रत्यक्ष चुनाव हुआ था, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने इसे बदलकर इस बार प्रत्यक्ष चुनाव कराया। सभी जगह ईवीएम से मतदान कराया गया, जिससे मतगणना में तेजी आई और रुझान स्पष्ट दिख रहे हैं।

अब तक के रुझान भाजपा के पक्ष में हैं और अगर यही स्थिति बनी रही तो रायपुर समेत कई नगर निगमों में भाजपा महापौर पद पर कब्जा जमा सकती है।

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