शराब घोटाला मामला: ईओडब्ल्यू ने एजाज ढेबर से की पूछताछ, भूपेश बघेल बोले – कांग्रेस नेताओं को किया जा रहा परेशान

रायपुर (शिखर दर्शन) // छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam) की जांच में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने आज रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर से पूछताछ की। ढेबर अपने वकील अमीन खान के साथ जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जांच में सहयोग देने की बात कही।
इस पूछताछ को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ईडी, आईटी और ईओडब्ल्यू जैसी एजेंसियां कांग्रेस नेताओं को सिर्फ परेशान करने में लगी हैं। बघेल ने आरोप लगाया, “सरकार के पास कोई और काम नहीं है। एक एजेंसी की जांच खत्म होती नहीं कि दूसरी शुरू हो जाती है। बस बुला-बुलाकर कांग्रेस नेताओं को परेशान किया जा रहा है।”
ईओडब्ल्यू की एफआईआर और जांच की दिशा
जनवरी 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की शिकायत दर्ज कराई थी। ईडी के मुताबिक, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर की मिलीभगत से यह घोटाला किया गया।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया कि डुप्लीकेट होलोग्राम और अवैध शराब बिक्री के जरिए 2,161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। ईओडब्ल्यू-एसीबी ने इसी आधार पर जांच शुरू की थी, जिसमें 70 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एजाज ढेबर के वकील का बयान
एजाज ढेबर के वकील अमीन खान ने कहा कि उनके मुवक्किल जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान व्यस्तता के कारण वे पहले नोटिस का जवाब नहीं दे सके थे, लेकिन अब वे “कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करते हुए हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं।”
पूर्व मंत्री कवासी लखमा जेल में
इस घोटाले में ईडी ने हाल ही में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को हिरासत में लिया था। कोर्ट ने उन्हें रिमांड पर भेजा था और वे फिलहाल जेल में बंद हैं। ईडी का दावा है कि कवासी लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपये का कमीशन मिलता था।
कैसे हुआ था घोटाला?
ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के जरिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया था। लेकिन 2019 के बाद अनवर ढेबर ने अधिकारियों और कारोबारियों के सिंडिकेट के जरिए शराब घोटाले को अंजाम दिया।
ईओडब्ल्यू की एफआईआर में शामिल प्रमुख नाम:
- अनिल टुटेजा (पूर्व संयुक्त सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग)
- अनवर ढेबर (कारोबारी)
- अरुणपति त्रिपाठी (पूर्व एमडी, CSMCL)
- कवासी लखमा (पूर्व आबकारी मंत्री)
- निरंजन दास (पूर्व आबकारी आयुक्त)
- जनार्दन कौरव, अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा, अरविंद पटले, प्रमोद नेताम, नवीन तोमर सहित आबकारी विभाग के कई अधिकारी
सरकार बनाम विपक्ष – राजनीतिक खींचतान तेज
इस घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीतिक टकराव बढ़ गया है। भाजपा सरकार इसे कांग्रेस शासनकाल का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार मामला बता रही है, जबकि कांग्रेस इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दे रही है।
ईओडब्ल्यू और ईडी की जांच अभी जारी है, ऐसे में आने वाले दिनों में और कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।