नक्सली मुठभेड़ में शहीद नरेश धुव को अंतिम विदाई, राजस्व मंत्री ने दिया कंधा – कहा, देश हमेशा याद रखेगा बलिदान

बलौदाबाजार (शिखर दर्शन) // बीजापुर जिले के नेशनल पार्क के जंगल में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए प्रधान आरक्षक नरेश कुमार ध्रुव को उनके गृह ग्राम गुर्रा में भावपूर्ण अंतिम विदाई दी गई। शहीद के पार्थिव शरीर को देखकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं, वहीं परिजनों की करुण पुकार ने माहौल को और भी गमगीन कर दिया।

इससे पहले बलौदाबाजार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जहां राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, कलेक्टर दीपक सोनी, एसपी विजय अग्रवाल सहित अन्य अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मंत्री वर्मा ने शहीद नरेश ध्रुव के पार्थिव शरीर को कंधा देते हुए कहा, “देश उनकी कुर्बानी को कभी नहीं भूलेगा। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, नक्सलवाद जल्द ही समाप्त होगा।”
‘शहीद नरेश ध्रुव अमर रहे’ के नारों से गूंजा आसमान
जब शहीद का पार्थिव शरीर बलौदाबाजार पहुंचा, तो चक्रपाणि हाईस्कूल मैदान में बने हेलीपैड पर सेना के हेलीकॉप्टर के जरिए उन्हें उतारा गया। हेलीकॉप्टर से उतरते ही राजस्व मंत्री, कलेक्टर और एसपी ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया और श्रद्धांजलि सभा तक लाए। इस दौरान पूरा माहौल ‘शहीद नरेश ध्रुव अमर रहे’ के नारों से गूंज उठा।
श्रद्धांजलि देने के लिए भाटापारा विधायक इंद्र साव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर, नगरपालिका अध्यक्ष प्रत्याशी सुरेंद्र जायसवाल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इसके बाद पुलिस जवानों ने शोक शस्त्र कर अपने साथी को अंतिम सलामी दी।
शहीद की बेटी ने लिया देश सेवा का संकल्प
शहीद नरेश ध्रुव के पिता महेश ध्रुव ने भरे गले से कहा, “मेरा बेटा देश और छत्तीसगढ़ महतारी की रक्षा के लिए शहीद हुआ, यह हमारे लिए गर्व की बात है।”

सबसे मार्मिक क्षण तब आया जब शहीद की बेटी विभूति ध्रुव ने अपने पिता को अंतिम विदाई देते हुए कहा, “पापा चाहते थे कि मैं उनसे भी बड़ा अफसर बनूं, मैं उनके इस सपने को पूरा करूंगी और देश की सेवा करूंगी।” उसकी यह बात सुनकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं।
गृह ग्राम में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

श्रद्धांजलि सभा के बाद शहीद के पार्थिव शरीर को पुलिस पायलटिंग वाहन के जरिए गृह ग्राम गुर्रा के लिए रवाना किया गया। यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम विदाई में आम नागरिकों, सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों ने भारी संख्या में भाग लिया।
शहीद के सम्मान में पूरा क्षेत्र शोक में डूबा रहा, लेकिन उनकी शौर्यगाथा ने हर हृदय में देशभक्ति का जज़्बा और प्रबल कर दिया।
