अमेरिका से डिपोर्ट हुए 104 भारतीय: ‘डंकी रूट’ के जरिए गैरकानूनी प्रवेश, जानें इसका इतिहास और पूरा मामला

अमृतसर (शिखर दर्शन) // अमेरिका की डिपोर्टेशन नीति के तहत 104 भारतीय नागरिकों को निर्वासित कर भारत भेज दिया गया। बुधवार को अमेरिका से रवाना हुआ सी-17 विमान अमृतसर पहुंचा, जिसमें शामिल सभी भारतीयों को अमेरिका-मेक्सिको सीमा से पकड़ा गया था। जांच में सामने आया कि ये लोग भारत से वैध तरीके से रवाना हुए थे, लेकिन अमेरिका में घुसने के लिए ‘डंकी रूट’ का सहारा लिया था।
क्या है ‘डंकी रूट’ और इसकी शुरुआत कैसे हुई?
‘डंकी रूट’ अवैध प्रवास का एक तरीका है, जिसमें लोग कई देशों की सीमाएं पार करते हुए अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। पंजाबी भाषा में ‘डंकी’ का मतलब होता है ‘उछलकर या छलांग लगाकर आगे बढ़ना’, इसी कारण इस अवैध रास्ते को ‘डंकी रूट’ कहा जाता है।

इस रूट की शुरुआत 1990 के दशक में हुई, जब पंजाब और गुजरात से लोग अवैध रूप से पश्चिमी देशों में जाने लगे। पहले यह प्रवास यूरोप, विशेषकर ब्रिटेन और इटली तक सीमित था, लेकिन 2000 के बाद अमेरिका और कनाडा तक पहुंचने के लिए यह एक प्रमुख तरीका बन गया। इस दौरान, मानव तस्करों का नेटवर्क मजबूत हुआ और लाखों रुपये लेकर लोगों को खतरनाक रास्तों से विदेश पहुंचाने का गैरकानूनी धंधा तेजी से बढ़ने लगा।
डंकी रूट से अमेरिका पहुंचने का तरीका
रिपोर्ट्स के अनुसार, मानव तस्कर प्रवासियों को टूरिस्ट वीजा पर यूएई ले जाते हैं। वहां से वेनेजुएला, निकारागुआ और ग्वाटेमाला जैसे ट्रांजिट देशों के जरिए उन्हें अमेरिका-मेक्सिको सीमा तक पहुंचाया जाता है। सीमा पार करते समय अगर वे पकड़े जाते हैं, तो हैंडलर उन्हें उत्पीड़न का हवाला देकर शरण मांगने की सलाह देते हैं।

हर कदम पर खतरा, फिर भी हजारों लोग लेते हैं जोखिम

डंकी रूट से यात्रा करना बेहद खतरनाक होता है। इसमें महीनों तक पैदल सफर करना पड़ता है, जंगलों, नदियों और रेगिस्तानों से गुजरना पड़ता है। कई बार सीमा सुरक्षा बल घुसपैठियों पर गोली चला देते हैं, जिससे कई लोगों की मौत हो जाती है। वहीं, कुछ लोग भूख, ठंड और बीमारियों से भी दम तोड़ देते हैं।
मानव तस्करी का बड़ा जाल
इस अवैध यात्रा के लिए प्रवासियों को मानव तस्करों को लाखों रुपये चुकाने पड़ते हैं। तस्कर नकली दस्तावेज तैयार करवाकर या गुप्त रास्तों से लोगों को ट्रकों, नावों और विमानों के जरिये दूसरे देशों तक पहुंचाते हैं। अमेरिका में पहले अपराधी ही इस रास्ते का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब हजारों भारतीय युवा भी वहां रोजगार और बेहतर जीवन की उम्मीद में इस खतरनाक सफर पर निकल रहे हैं।

पंजाब पुलिस करेगी अवैध ट्रैवल एजेंटों की जांच
सूत्रों के मुताबिक, पंजाब पुलिस निर्वासित प्रवासियों से संपर्क कर उन अवैध ट्रैवल एजेंटों की पहचान करेगी, जिन्होंने लोगों से मोटी रकम लेकर उन्हें डंकी रूट के जरिए विदेश भेजा। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि सरकार निर्वासित लोगों के साथ सामान्य व्यवहार करेगी, लेकिन अगर किसी की आपराधिक पृष्ठभूमि पाई गई, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
किन राज्यों से सबसे ज्यादा लोग कर रहे हैं पलायन?
पंजाब, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से सबसे ज्यादा लोग डंकी रूट के जरिए विदेश जाने की कोशिश कर रहे हैं। पश्चिमी देशों में रोजगार और बेहतर जीवन की उम्मीद में लोग अपनी जमा-पूंजी खर्च कर इस खतरनाक रास्ते को अपना रहे हैं।
सरकार की सख्ती और बढ़ सकती है
अमेरिका की सख्त डिपोर्टेशन नीति के कारण अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई तेज हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद हजारों अवैध प्रवासियों को उनके मूल देशों में वापस भेजा जा रहा है। भारत भी इस मुद्दे पर सख्त रवैया अपनाते हुए अवैध ट्रैवल एजेंटों और मानव तस्करी के नेटवर्क पर कार्रवाई कर सकता है।
(शिखर दर्शन के लिए विशेष रिपोर्ट)