महाराष्ट्र

पैसा ही पैसा… ड्राई क्लीनिंग दुकान में मिला 5 करोड़ रुपये का ‘नोटों का पहाड़’, नजारा देख अधिकारियों की आंखें रह गईं फटी, लॉन्ड्री मालिक समेत 10 गिरफ्तार

भंडारा (शिखर दर्शन) // महाराष्ट्र के भंडारा जिले में एक ड्राई क्लीनिंग दुकान से 5 करोड़ रुपये की भारी नकदी जब्त की गई है। इस नोटों के पहाड़ को देख पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए। पुलिस ने मामले की जांच के बाद लॉन्ड्री मालिक समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह नकदी एक बैंक की तुमसर शाखा से मनी लांड्रिंग के तहत निकाली गई थी।

पुलिस का मानना है कि इस गिरोह में बैंक अधिकारी, लॉन्ड्री मालिक और अन्य लोग शामिल थे, जिन्होंने यह रकम धोखाधड़ी से हासिल की थी। अधिकारियों का कहना है कि यह नकदी एक इंटर स्टेट मनी लांड्रिंग रैकेट का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य आम जनता के पैसे को दोगुना करना था।

भंडारा (शिखर दर्शन) // महाराष्ट्र के भंडारा जिले में एक कपड़े की लॉन्ड्री से 5 करोड़ रुपये की भारी नकदी जब्त की गई है। पुलिस ने यह छापेमारी एक गुप्त सूचना पर की, जिसमें जानकारी मिली थी कि मनी लांड्रिंग के तहत यह नकदी यहां ट्रांसफर की जाएगी। छापेमारी के दौरान पुलिस को 5 करोड़ रुपये की नकदी मिली, जिसे एक कॉरपोरेट बैंक की तुमसर शाखा से निकाला गया था। इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।

बैंक अधिकारियों की भूमिका

पुलिस के मुताबिक, यह नकदी एक इंटर स्टेट मनी लांड्रिंग रैकेट का हिस्सा थी, जिसमें बैंक अधिकारियों और लॉन्ड्री मालिक की भूमिका सामने आई है। आरोप है कि एक्सिस बैंक के शाखा प्रबंधक और संचालन प्रमुख ने इस रैकेट में मदद की। कुछ आरोपियों ने बैंक प्रबंधक से ₹6 करोड़ वापस करने का वादा किया था और ₹5 करोड़ नकद देने का लालच दिया था।

इंटर स्टेट मनी लांड्रिंग रैकेट का खुलासा

पुलिस ने बताया कि यह गिरोह आम जनता के पैसे को डबल करने का लालच देता था और इसे लॉन्ड्री में जमा करवाया गया था, ताकि इसे बाहर भेजा जा सके। नकदी का लेन-देन छत्तीसगढ़ और गोंदिया में हो रहा था, जहां पैसे को दोगुना करने का दावा किया जा रहा था। इस मामले में और गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि कई आरोपी अभी भी फरार हैं।

संगठित अपराध की जांच में ED और RBI भी शामिल

पुलिस ने मशीनों की मदद से नकदी की गिनती की, जिसमें करीब दो घंटे का समय लगा। भंडारा एसपी नूरुल हसन ने बताया कि इस मामले की जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को दी गई है, और इन एजेंसियों ने भी जांच शुरू कर दी है। इस मामले में और जटिलताएं सामने आ सकती हैं, और भविष्य में और गिरफ्तारी की संभावना है।

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