भिलाई में पुलिस की मनमानी पर कोर्ट सख्त, TI और महिला थाना प्रभारी पर FIR के आदेश

दुर्ग (शिखर दर्शन) // भिलाई-3 में प्रोफेसर विनोद शर्मा पर हमले के मामले की सुनवाई में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमिता जायसवाल की कोर्ट ने पुलिस की मनमानी पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने आरोपी प्रोबीर शर्मा की पत्नी डॉ. पूर्णिमा शर्मा को बिना किसी कारण 15 घंटे तक महिला थाना में रोककर रखने पर भिलाई-3 थाना प्रभारी महेश ध्रुव और महिला थाना प्रभारी श्रद्धा पाठक के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
आरोपी प्रोबीर शर्मा की पत्नी डॉ. पूर्णिमा शर्मा ने कोर्ट में अवैध हिरासत को चुनौती दी थी। उन्होंने बताया कि भिलाई नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने उन्हें आंध्र प्रदेश से निजी वाहन में सड़क मार्ग से लाकर 20-21 घंटे तक हिरासत में रखा, वह भी बिना किसी महिला अधिकारी के। इस दौरान उन्हें न तो घर जाने दिया गया और न ही हिरासत में रखने का उचित कारण बताया गया।
डॉ. पूर्णिमा शर्मा के अनुसार, थाने में रोकने का कारण पूछने पर महिला थाना प्रभारी श्रद्धा पाठक ने कहा कि भिलाई नगर और पुरानी भिलाई थाने के निरीक्षकों के निर्देश पर ऐसा किया गया। इतना ही नहीं, उनके दो मोबाइल भी जब्त कर लिए गए, जिन्हें रिहा होने के बाद भी वापस नहीं किया गया।
कोर्ट ने दिए कड़े निर्देश
कोर्ट ने पुलिस के इस रवैये को मनमानी करार देते हुए धारा 127BNS के तहत FIR दर्ज करने और इसकी जानकारी देने के निर्देश दिए। इसके अलावा, दुर्ग रेंज IG को विभागीय जांच करने के भी आदेश दिए गए हैं।
पुलिस अधिकारियों पर कोर्ट की फटकार
कोर्ट ने इस मामले में भिलाई नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा को भी फटकार लगाई और कहा कि पुलिस को कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करनी चाहिए, न कि दबाव में काम करना चाहिए।
आगे क्या होगा?
अब इस मामले में FIR दर्ज होने के बाद संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है। कोर्ट के इस आदेश के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं, और अवैध हिरासत के इस मामले ने कानूनी प्रक्रिया पर गंभीर बहस छेड़ दी है।