प्लैनेटरी परेड 2025: आकाश में ग्रहों का अद्भुत मिलन, जनवरी से मार्च तक दिखेगी दुर्लभ परेड
2025 का ग्रहों का मिलन एक ऐतिहासिक खगोलीय घटना बनने जा रहा है। आज से शुरू होने वाला ‘प्लैनेट परेड’ एक ऐसी खगोलीय परेड है, जिसमें हमारे सौरमंडल के सात ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हुए एक सीधी रेखा में दिखेंगे। यह दृश्य जनवरी से लेकर मार्च तक हर रात आकाश में नजर आएगा और इस दुर्लभ खगोलीय घटना को नंगी आंखों से देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस परेड का दृश्य 396 अरब साल में एक बार देखने को मिलता है।
क्यों है यह परेड खास?
सात ग्रहों का इस प्रकार एक लाइन में आना एक अत्यंत दुर्लभ घटना है, जिसे ‘ग्रह संयोग’ या ‘प्लैनेटरी अलाइनमेंट’ कहा जाता है। इस दौरान शनि, बुध, नेपच्यून, शुक्र, यूरेनस, बृहस्पति और मंगल एक दूसरे के काफी करीब दिखेंगे, हालांकि ये ग्रह पूरी तरह से सीधी रेखा में नहीं होंगे। यह दृश्य सूर्य के एक तरफ दिखाई देगा और यह एक अद्भुत खगोलीय परेड के रूप में नजर आएगा, जो सूर्य के इर्द-गिर्द घूमते हुए इन ग्रहों को एक साथ प्रदर्शित करेगा।
कब और कहां देख सकते हैं?
यह परेड 21 जनवरी से शुरू होकर 8 मार्च तक चलने वाली है। भारतीय समय के अनुसार, विशेष रूप से 21 जनवरी को यह परेड शाम 7:30 बजे के आसपास सबसे अद्भुत नजर आएगी। इस दौरान ग्रहों का अद्भुत नजारा ऊंची इमारतों या छतों से देखा जा सकता है। इस परेड में शुक्र, शनि, और नेपच्यून को रात 11:30 बजे तक देखा जा सकता है, जबकि मंगल, बृहस्पति और यूरेनस देर रात तक दिखाई देंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस खगोलीय घटना को देखने के लिए सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के बाद लगभग 45 मिनट का है, और यदि आप इसे सर्वोत्तम तरीके से देखना चाहते हैं, तो आपको किसी अंधेरे, साफ आकाश वाली जगह पर जाना चाहिए।
भारत में कब और कहां दिखेगा यह दृश्य?
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के अनुसार, इस परेड का अद्भुत दृश्य भारत में 21 जनवरी से 13 फरवरी तक दिखाई देगा। इस दौरान ग्रहों की स्थिति में छोटे बदलाव हो सकते हैं। खासकर 21 जनवरी को, रात 7:30 बजे यह परेड अपने चरम पर होगी और इसे विशेष रूप से ऊंचे स्थानों से देखा जा सकेगा।
ग्रहों का जुड़ाव और उनका महत्व
जब हमारे सौरमंडल के ग्रह सूर्य के चारों ओर एक साथ घूमते हैं और एक सीधी रेखा में आते हैं, तो इसे ‘प्लैनेट परेड’ या ‘प्लैनेटरी अलाइनमेंट’ कहा जाता है। यह एक खगोलीय घटना है, जिसमें विभिन्न ग्रह अपनी कक्षाओं में होते हुए एक साथ आकर मिलते हैं। इस प्रक्रिया में पृथ्वी समेत सभी ग्रह सूरज का चक्कर लगाते हैं, और इस परेड के दौरान सभी ग्रह एक ही दिशा में दिखाई देते हैं।
यह परेड कब खत्म होगी?
इस खगोलीय परेड का अंतिम दृश्य 8 मार्च को देखने को मिलेगा, जब मंगल, बृहस्पति, शुक्र, यूरेनस, नेपच्यून और बुध एक साथ दिखाई देंगे। इस अंतिम परेड के दौरान आसमान में आधा चांद भी नजर आएगा, जो इस अद्भुत दृश्य को और भी खास बना देगा।
यह दुर्लभ खगोलीय घटना एक ऐसी संयोग है, जिसे आने वाले अरबों वर्षों में देखने का अवसर शायद ही मिले। इसलिए इस खगोलीय परेड को मिस न करें, क्योंकि यह देखने का मौका फिर से 396 अरब साल बाद ही मिलेगा !