मध्यप्रदेश

ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं का तांता, कड़ाके की ठंड में आस्था की डुबकी, दतिया में 50 हजार भक्त करेंगे नर्मदा स्नान , दतिया, खंडवा और अनूपपुर में उमड़ी भीड़

आज मकर संक्रांति के पर्व पर पूरे देश में आस्था और उल्लास का माहौल है। मध्य प्रदेश में भी यह पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है, जहां हर जगह लोग अपने-अपने अंदाज में मकर संक्रांति का पर्व मना रहे हैं। विशेष रूप से दतिया, खंडवा और अनूपपुर में श्रद्धालुओं ने कड़ाके की ठंड में भी आस्था की डुबकी लगाई।

दतिया में कड़ाके की ठंड में आस्था की डुबकी
दतिया के उनाव ग्राम में स्थित अत्यंत प्राचीन सूर्य मंदिर और पहूज नदी में आज सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां की मान्यता है कि पहूज नदी में डुबकी लगाने और सूर्य भगवान को जल चढ़ाने से मकर संक्रांति का सौ गुना पुण्य प्राप्त होता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस दिन नदी में डुबकी लगाना विशेष फल देता है। इस मौके पर लगभग 50 हजार भक्तों के डुबकी लगाने की संभावना जताई जा रही है।

ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
खंडवा स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। भले ही ठंड का असर हो, लेकिन भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। नर्मदा के घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही पहुंचने लगे थे। ओंकारेश्वर में मकर संक्रांति के दिन नर्मदा स्नान और भगवान ओंकारेश्वर को तिल अर्पित करने का विशेष महत्व है। ज्योतिर्लिंग के पुजारी पंडित मनोज उपाध्याय ने बताया कि इस दिन तिल से बनी वस्तुओं का सेवन और उबटन करने का परंपरा है, जो भगवान विष्णु के शरीर से जुड़ी मान्यता से संबंधित है।

अनूपपुर में हजारों श्रद्धालुओं ने किया नर्मदा स्नान
अनूपपुर जिले के पवित्र नगर अमरकंटक में भी मकर संक्रांति के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने नर्मदा स्नान किया। सुबह से ही यहां के प्रमुख मार्गों पर भीड़ देखने को मिली और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात था। नर्मदा मंदिर के पुजारी पंडित सुनील प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि मकर संक्रांति का पर्व न केवल पुण्य प्राप्ति का अवसर है, बल्कि यह पर्व श्रद्धालुओं के जीवन में आस्था और शक्ति का संचार भी करता है।

बीजेपी जिलाध्यक्षों की सूची पर जल्द होगी घोषणा
राजनीतिक घटनाक्रम के बीच, बीजेपी के जिलाध्यक्षों की सूची की घोषणा की संभावना है। पार्टी की बैठकों के बाद इसकी घोषणा हो सकती है।

मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति का यह पर्व हर साल की तरह श्रद्धा, आस्था और उत्साह से भरा रहा, जहां लोग अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाते हुए, पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य की प्राप्ति की ओर बढ़ रहे हैं।

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