युवाओं में कंडोम का इस्तेमाल नहीं हो रहा, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, जानें इसके कारण

WHO की रिपोर्ट में खुलासा, जानें इसके कारण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि दुनियाभर में युवाओं के बीच कंडोम का इस्तेमाल घटता जा रहा है, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। रिपोर्ट में पाया गया है कि 15 से 24 वर्ष के युवा, विशेषकर यूरोपीय और मिडल ईस्ट देशों में, कंडोम का उपयोग नहीं कर रहे हैं, जबकि पहले इसका उपयोग व्यापक था।
WHO ने हाल ही में 42 देशों में एक सर्वेक्षण कराया, जिसमें 15 साल के 2,42,000 किशोरों से कंडोम उपयोग की आदतों पर सवाल पूछे गए। सर्वे में यह बात सामने आई कि 2014 में जिन लड़कों ने पिछली बार शारीरिक संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल किया था, उनका आंकड़ा 70% था, लेकिन 2022 में यह घटकर 61% पर आ गया।
लड़कियों में भी कमी
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि लड़कियों के बीच कंडोम का इस्तेमाल और भी कम हो गया है। 2014 में जिन लड़कियों ने कंडोम या गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल किया था, उनकी संख्या 63% थी, जो अब घटकर 57% रह गई है। इसके साथ ही, इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का उपयोग भी घटा है।
गर्भ निरोधक गोलियों का प्रयोग
WHO की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2014 से 2022 तक, 26% लड़कियों ने फिजिकल रिलेशन बनाते समय गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा, लोअर मिडिल क्लास फैमिली के 33% किशोरों ने कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया, जबकि उच्च वर्ग के परिवारों में यह आंकड़ा 25% था। WHO ने युवाओं से यौन संबंध बनाते समय कंडोम के उपयोग की अपील की है ताकि यौन रोगों से बचाव किया जा सके।
कंडोम के उपयोग में कमी के कारण
कंडोम के उपयोग में कमी के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। ग्लोबल यूथ ऑर्गेनाइजेशन (YMCA) की सेक्सुअल हेल्थ टीचर सारा प्रैट का कहना है कि युवा पोर्नोग्राफी और ओनलीफ़ैन्स जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स के कारण कंडोम के उपयोग में दिलचस्पी खो रहे हैं, क्योंकि इन प्लेटफ़ॉर्म्स में कंडोम का इस्तेमाल नहीं होता। इसके अलावा, सेक्स एजुकेशन का अभाव भी इस समस्या का एक बड़ा कारण है। सारा प्रैट का कहना है कि युवाओं को यह समझना चाहिए कि कंडोम का इस्तेमाल सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस (STIs) से बचाव के लिए जरूरी है।
WHO की यह रिपोर्ट युवाओं को कंडोम के उपयोग के महत्व को समझाने और यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक अहम संदेश है।