लंदन अंडरग्राउंड: -4 डिग्री तापमान में लोग बिना पैंट-पजामा के क्यों घूम रहे हैं, लड़कियां और महिलाएं भी केवल इनरवियर में नजर आईं, क्या है इसका कारण ?

3 डिग्री में बिना पैंट के सफर, लंदन मेट्रो में हर साल मनाए जाने वाले इस अजीब दिन की सच्चाई

लंदन के मेट्रो स्टेशनों पर एक अजीब और मजेदार नजारा देखने को मिला, जब सैकड़ों लोग -3 डिग्री तापमान में बिना पैंट के यात्रा करते हुए नजर आए। यह दृश्य किसी फैशन शो का हिस्सा नहीं था, बल्कि एक वार्षिक आयोजन का हिस्सा था – No Trousers Day (बिना पैंट का दिन)। इस दिन को लंदन अंडरग्राउंड (लंदन मेट्रो) में मनाया जाता है, जहां लोग केवल इनरवियर में सफर करते हैं। इस साल भी लंदनवासियों ने इस परंपरा को धूमधाम से मनाया, जो अब दुनिया भर में एक मजेदार ट्रेंड बन चुका है।
आयोजन का उद्देश्य और आकर्षण
No Trousers Day का आयोजन हर साल लंदन में किया जाता है, और इसका मुख्य उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन है। आयोजकों ने इस दिन को एक मजेदार और हंसी-खुशी के पल बनाने के लिए मनाने की योजना बनाई थी। इस साल इस दिन का आयोजन लंदन के प्रमुख मेट्रो स्टेशनों जैसे वेस्टमिंस्टर, वाटरलू, साउथ केनसिंगटन, और चाइनाटाउन में किया गया, जहां सैकड़ों लोग बिना पतलून के मेट्रो की यात्रा कर रहे थे।

चाइनाटाउन के प्रवेश द्वार पर इकट्ठा होने के बाद, ये लोग बर्फीली सड़कों पर चलते हुए मध्य लंदन के पिकाडिली सर्कस अंडरग्राउंड स्टेशन पहुंचे। हालांकि, ट्रेन में इतनी भीड़ थी कि कुछ लोग अपनी पतलून भी उतार नहीं पाए।
उत्साही और हास्यपूर्ण दृष्टिकोण
इस क्रेज के पीछे का उद्देश्य केवल आनंद और उलझन के अप्रत्याशित क्षण उत्पन्न करना था, जैसा कि इस आयोजन के आयोजक चार्ली टोड ने कहा। उन्होंने बताया कि इसका कोई गहरा उद्देश्य नहीं है, बस लोगों को हंसी और खुशियां देना है। टोड ने यह भी कहा, “हम सांस्कृतिक युद्धों से परे जाकर सिर्फ हानिरहित मनोरंजन करना चाहते हैं। यह किसी को परेशान करने या भड़काने के लिए नहीं है।”
इस परंपरा की शुरुआत

No Trousers Day की शुरुआत जनवरी 2002 में न्यूयॉर्क में हुई थी, जब केवल सात लोग इस अजीब दिन का हिस्सा बने थे। हालांकि, अब यह परंपरा दुनियाभर में फैल चुकी है और इसे बर्लिन, प्राग, येरुशलम, वार्सा और वाशिंगटन डीसी जैसे शहरों में भी मनाया जाता है।
लंदन में इस साल का आयोजन
लंदन में इस साल सैकड़ों लोग इस आयोजन में शामिल हुए। यह दृश्य निश्चित रूप से लंदन के मेट्रो यात्रियों के लिए एक अजीब और मजेदार अनुभव बन गया। इससे यह साबित होता है कि इस दिन का उद्देश्य सिर्फ खुशी और मनोरंजन है, न कि किसी प्रकार की अश्लीलता या विवाद।

इस आयोजन ने लंदनवासियों को एक नई दिशा में सोचने का मौका दिया, जहाँ सिर्फ हंसी और आनंद का महत्व था।
