भिंड पुलिस की हैवानियत: यूपी का आरोपी नहीं मिला तो भाई की आधे घंटे तक पिटाई, मामला दबाने के लिए 5 अस्पताल बदले, पुलिस ने छत से गिरने की बताई कहानी, पीड़ित ने कलेक्टर-SP से लगाई गुहार

भिंड (शिखर दर्शन) // मध्य प्रदेश की भिंड पुलिस का एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के धमना की मड़ैया गांव निवासी युवक अमन यादव को उसके भाई की जगह हिरासत में लेकर बर्बर तरीके से पीटा गया। पुलिस आरोपी विकास यादव को गिरफ्तार करने गई थी, लेकिन जब वह नहीं मिला, तो उसके छोटे भाई अमन को दूसरी मंजिल पर ले जाकर आधे घंटे तक पीटा।
पिटाई से गंभीर रूप से घायल अमन को पुलिस ने खुद अस्पताल पहुंचाया और घटना को छिपाने के लिए 18 घंटे में पांच अस्पताल बदले। पुलिस ने डॉक्टरों और परिवार पर दबाव बनाकर यह कहानी गढ़ी कि अमन छत से गिरने से घायल हुआ है।
आरोपी की जगह छोटे भाई को उठाया
मामला भिंड सिटी कोतवाली क्षेत्र का है। पुलिस ग्राम धमना की मड़ैया निवासी विकास यादव पर महिला को भगाने का आरोप होने पर उसे गिरफ्तार करने उत्तर प्रदेश पहुंची थी। विकास के न मिलने पर पुलिस उसके छोटे भाई अमन को उठा लाई और पूछताछ के नाम पर उसे बेरहमी से पीटा।
घायल ने किया पुलिस की साजिश का खुलासा
अमन ने बताया कि पुलिस ने पिटाई के बाद अपनी करतूत छिपाने के लिए उसे भिंड जिला अस्पताल ले जाया, जहां से ग्वालियर रेफर कर दिया गया। 18 घंटे के भीतर पुलिस ने पांच अस्पताल बदले और डॉक्टरों से कहा कि वह छत से गिरकर घायल हुआ है। अमन के परिवार से भी दबाव डालकर झूठा बयान लिखवा लिया गया।
परिवार ने कलेक्टर-एसपी से लगाई गुहार
पुलिस की इस अमानवीय हरकत से परेशान अमन के परिवार ने इटावा कलेक्टर और एसपी से न्याय की मांग की है। परिवार ने बताया कि पुलिस ने इटावा अस्पताल में डॉक्टरों को चुप रहने के लिए पैसे भी दिए।
अधिकारियों ने चुप्पी साधी
घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस संबंध में जब मीडिया ने अधिकारियों से बात करनी चाही, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
इस मामले ने ना केवल पुलिस के अमानवीय रवैये को उजागर किया है, बल्कि कानून-व्यवस्था पर भी गहरी चोट की है। अब पीड़ित परिवार न्याय की आस में है।