10 जनवरी महाकाल आरती: भगवान महाकाल का त्रिपुंड, त्रिनेत्र और वैष्णव तिलक से दिव्य श्रृंगार, यहां करें दर्शन

विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट:
उज्जैन (शिखर दर्शन) // विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर अलसुबह आध्यात्मिक उल्लास का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए, जिसके बाद भगवान महाकाल की भव्य पूजा-अर्चना और भस्म आरती संपन्न हुई।
सबसे पहले भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद पंचामृत, जिसमें दूध, दही, घी, शहद, और फलों के रस का मिश्रण था, से अभिषेक किया गया। भगवान महाकाल का वैष्णव तिलक, त्रिपुंड और त्रिनेत्र अर्पित कर उनका दिव्य श्रृंगार किया गया।
श्रृंगार के दौरान भगवान महाकाल को शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाला, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की माला धारण कराई गई। बाबा को भस्म चढ़ाई गई और उन्हें फल व मिष्ठान का भोग भी लगाया गया।
भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए और उन्होंने बाबा के दिव्य स्वरूप का दर्शन कर आत्मिक सुख और पुण्य लाभ अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज का दर्शन करते हुए उनके कान में अपनी मनोकामनाएं प्रकट कीं।
पूरे मंदिर परिसर में “जय जय श्री महाकाल,” “हर हर महादेव,” और “ॐ नमः शिवाय” के जयकारे गूंजते रहे। इस आध्यात्मिक माहौल ने श्रद्धालुओं को भक्ति और आनंद से भर दिया।