बस्तर संभाग

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्या मामले में SIT की बड़ी कार्रवाई, मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार

रायपुर / बीजापुर (शिखर दर्शन) // पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्या मामले में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। एसआईटी की टीम ने रविवार देर रात मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। आरोपी को अब बीजापुर लाकर पूछताछ की जाएगी।

बीजापुर पुलिस अधीक्षक से मिली जानकारी के मुताबिक, सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से पकड़ा गया और उसे बीजापुर लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस मामले में अब तक चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें तीन संदेही पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके थे। संदेहियों में रितेश चंद्राकर, महेन्द्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर शामिल हैं। रितेश चंद्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, वहीं महेन्द्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर को बीजापुर से पकड़ा गया था।

पुलिस के अनुसार, पत्रकार मुकेश चंद्राकर के लापता होने के बाद 2 जनवरी को उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट बीजापुर कोतवाली थाने में दर्ज कराई थी। जांच के दौरान पुलिस ने सुरेश चंद्राकर के ठेकेदार बाड़े में स्थित सेप्टिक टैंक से मुकेश चंद्राकर का शव बरामद किया। शव की पहचान मृतक के शरीर पर बने टैटू से की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि मुकेश चंद्राकर की हत्या लोहे की रॉड से की गई थी।

घटना के खुलासे के बाद पुलिस ने संदेहियों से पूछताछ की और यह पता चला कि रितेश और मुकेश चंद्राकर के बीच पारिवारिक विवाद था। एक जनवरी को दोनों के बीच मोबाइल पर बहस हुई, जिसके बाद मुकेश चंद्राकर बीजापुर स्थित सुरेश चंद्राकर के बाड़े में पहुंचे। वहीं, रितेश चंद्राकर और महेन्द्र रामटेके ने मिलकर मुकेश चंद्राकर पर हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए सेप्टिक टैंक में डाला गया और टैंक का ढक्कन बंद कर दिया गया।

सुरेश चंद्राकर के बेटे रितेश चंद्राकर ने घटना के बारे में अपने परिवार के अन्य सदस्य दिनेश चंद्राकर से जानकारी दी और बाद में साक्ष्य नष्ट करने की योजना बनाई। इसके बाद आरोपियों ने हत्या में इस्तेमाल हथियार और मुकेश चंद्राकर का मोबाइल ठिकाने लगाया और शव को सेप्टिक टैंक में छुपाया।

पुलिस ने इस मामले में पूरी जांच की और आरोपी रितेश चंद्राकर, महेन्द्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर से साक्ष्य जुटाए। SIT टीम के नेतृत्व में इस मामले की आगे की जांच जारी है और SIT ने अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों से पूछताछ की है।

बीजापुर पुलिस के अधिकारियों ने इस मामले में न्याय की प्रक्रिया को तेज करने का आश्वासन दिया है और मामले की अग्रिम जांच के लिए 11 सदस्यीय SIT टीम को पूरी जिम्मेदारी सौंप दी है।

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