केशकाल घाट दो महीने से बंद, भारी वाहनों की आवाजाही रुकने से छोटे व्यापारी परेशान

कांकेर ( शिखर दर्शन ) // बस्तर के केशकाल घाट में जारी नवीनीकरण कार्य के कारण पिछले दो महीनों से घाट बंद पड़ा है। भारी वाहनों की आवाजाही रोक दिए जाने से यहां के छोटे व्यापारी और ढाबा संचालक परेशान हो गए हैं। 2 जनवरी तक के लिए घाट को बड़े वाहनों के लिए बंद रखने के निर्णय ने इन व्यवसायों को संकट में डाल दिया है।
केशकाल घाट पर भारी वाहनों की आवाजाही से क्षेत्र के कई ढाबों की आजीविका चलती थी, लेकिन अब वाहनों के नहीं आने से ये ढाबे वीरान हो गए हैं। ढाबा संचालकों का कहना है कि जहां रोजाना 60 से 70 ट्रक रुका करते थे, वहां अब पिछले दो महीनों से एक भी ट्रक नहीं आ रहा है। इस स्थिति ने ढाबा कर्मचारियों के वेतन का संकट खड़ा कर दिया है। कुछ ढाबा संचालकों ने तो अपने ढाबे बंद भी कर दिए हैं, क्योंकि दिन भर में एक या दो ग्राहक भी नहीं आ रहे, जिससे नुकसान हो रहा है।
इसके अलावा, नेशनल हाईवे पर किराने, पंचर, चाय की दुकान चलाने वाले छोटे व्यापारी भी संकट में हैं। उनका कहना है कि उनका जीवनयापन ट्रकों के गुजरने पर निर्भर करता है। पिछले दो महीनों से ट्रकों के नहीं चलने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। पहले जहां रोजाना 1,000 से 2,000 रुपये तक की कमाई होती थी, अब वह राशि घटकर 200 रुपये तक रह गई है।
यह स्थिति स्थानीय व्यापारियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। वे नवीनीकरण कार्य में शीघ्रता की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी मुश्किलें खत्म हो सकें और उनका व्यवसाय फिर से सामान्य हो सके।