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भारतीय फार्मा उद्योग में AI और मशीन लर्निंग से नवाचार का नया युग होगा शुरू

भारत का फार्मा उद्योग 2025 तक गहन परिवर्तन की ओर अग्रसर, तकनीकी नवाचार और वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ता हुआ

नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // भारतीय फार्मा उद्योग, जो पहले से ही वैश्विक जेनेरिक दवाओं की 20% आपूर्ति करता है, 2025 तक एक गहन परिवर्तन की ओर अग्रसर है। उन्नत तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और प्रिसिजन मेडिसिन के सहारे, यह उद्योग अगले दशक में लगभग USD 130 बिलियन के बाजार आकार तक पहुंचने का लक्ष्य रखता है। यह परिवर्तन नवाचार, वैश्विक पहुंच और गुणवत्ता सुधार पर जोर देने के साथ होगा।

नवाचार और वैश्विक नेतृत्व की ओर एक मजबूत कदम

भारत का फार्मा उद्योग उच्च गुणवत्ता और किफायती फार्मास्यूटिकल्स पर अपने शोध और नवाचार को केंद्रित कर रहा है। इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (IPA) के अनुसार, यह बाजार 2030 तक USD 120-130 बिलियन तक बढ़ सकता है। भारत ने वैश्विक फार्मा क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत किया है, खासकर जेनेरिक दवाओं के उत्पादन में।

तकनीकी प्रगति से नई क्रांति

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के माध्यम से दवा निर्माण, खोज और रोगी देखभाल के क्षेत्र में क्रांति की उम्मीद है। CAR-T सेल थेरेपी, mRNA वैक्सीन्स और जटिल अणुओं के विकास के क्षेत्र में भी भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा महत्वपूर्ण प्रगति की जा रही है, जिससे दवाओं की उपलब्धता और प्रभावकारिता में वृद्धि हो सकती है।

सरकार की योजनाओं से बढ़ता समर्थन

सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना और अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से फार्मा सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिल रही है। इन योजनाओं से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि विदेशी निवेश भी आकर्षित होगा, जिससे भारतीय फार्मा उद्योग को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनने का अवसर मिलेगा।

स्वास्थ्य और मेड-टेक क्षेत्र का विस्तार

भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र में भी तेजी से बदलाव हो रहा है। अस्पताल क्षेत्र का बाजार 2023 में USD 99 बिलियन था, जो 2032 तक USD 194 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है। मेड-टेक उद्योग के FY30 तक USD 50 बिलियन का बाजार आकार हासिल करने की उम्मीद है, जबकि डायग्नोस्टिक्स क्षेत्र का आकार FY28 तक USD 25 बिलियन तक पहुंच सकता है।

भविष्य में तकनीकी एकीकरण और देखभाल पर जोर

भारत का फार्मा उद्योग भविष्य में तकनीकी एकीकरण, जैसे AI, टेलीमेडिसिन और रोबोटिक्स, से रोगियों के बेहतर परिणाम सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही, उम्रदराज़ आबादी के लिए विशेष देखभाल और निवारक स्वास्थ्य सेवा पर भी जोर दिया जाएगा। उद्योग का ध्यान वैश्विक सहयोग, स्व-निर्भरता और नवाचार पर होगा, जिससे भारत का फार्मा क्षेत्र वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ेगा।

भारतीय फार्मा उद्योग नवाचार, तकनीकी प्रगति और वैश्विक साझेदारी के साथ स्वास्थ्य सेवा में एक मजबूत वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है। यह उद्योग अगले दशक में एक नई ऊंचाई को छूने के लिए तैयार है, और इसके साथ भारतीय स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में भी एक नई क्रांति आएगी।

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