प्रधानपाठक पद पर पदोन्नति: काउंसलिंग के दौरान शिक्षकों ने किया हंगामा
बिलासपुर ( शिखर दर्शन ) छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा जिले के 169 शिक्षकों को प्राइमरी स्कूलों में प्रधान पाठक (हेड मास्टर) के पद पर पदोन्नति दी गई। सोमवार को आयोजित काउंसलिंग में पदोन्नति की प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिक्षकों ने हंगामा किया। काउंसलिंग देर रात 8 बजे तक बंद कमरे में संपन्न हुई, जब विवाद बढ़ने के बाद प्रशासन ने इसे नियंत्रित किया।
जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर जिले में 186 सहायक शिक्षकों को प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति देने के लिए लिस्ट जारी की गई थी। काउंसलिंग के लिए शिक्षक सोमवार को महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला पहुंचे थे। काउंसलिंग के दौरान यह व्यवस्था बनाई गई थी कि पहले दिव्यांग और महिला शिक्षकों को, फिर पुरुष शिक्षकों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा। इसके बाद खाली पदों की सूची दीवार पर चस्पा की जानी थी, लेकिन लिस्ट को काउंसलिंग शुरू होने के बाद लगाया गया, जिससे विवाद हुआ।
इस लिस्ट में 14 स्कूलों को शिक्षक विहीन, 47 स्कूलों को एकशिक्षकीय और 58 स्कूलों को आवश्यकता वाले के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। काउंसलिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू के निर्देशन में काउंसलिंग बंद कमरे में रात 8 बजे तक जारी रही।
काउंसलिंग के बाद पदोन्नत शिक्षकों को एक सप्ताह के भीतर अपने नए कार्यस्थल पर कार्यभार ग्रहण करने की निर्देशित किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शिक्षकों से अपील की कि वे पदोन्नति की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के भ्रामक प्रभाव से बचें और यह सुनिश्चित किया कि प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता के साथ होगी।
शिक्षकों ने पदोन्नति की प्रक्रिया को लेकर असंतोष जताया, लेकिन प्रशासन का कहना है कि सभी कार्य पारदर्शिता और नियमों के तहत किए गए हैं।