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मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन, अमेरिका के अस्पताल में ली अंतिम सांस

सैन फ़्रांसिस्को: भारतीय संगीत के महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे अमेरिका के सैन फ़्रांसिस्को स्थित एक अस्पताल में उपचाराधीन थे, जहाँ उन्होंने अंतिम सांस ली। उस्ताद हुसैन पिछले कुछ वर्षों से हृदय संबंधित समस्याओं से जूझ रहे थे। दो साल पहले उन्हें हृदय में ब्लॉकेज के कारण स्टेंट भी लगाया गया था।

जन्म और करियर की शुरुआत
उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। वे भारतीय संगीत की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम थे, जिन्होंने 7 वर्ष की आयु से तबला सीखना शुरू किया और 12 वर्ष की आयु में मंच पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। उनका बचपन संगीत के माहौल में बीता, क्योंकि उनके पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी भी एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। जाकिर हुसैन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट माइकल स्कूल, माहिम से प्राप्त की, और बाद में सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

उल्लेखनीय पुरस्कार और सम्मान
उस्ताद हुसैन को उनके अद्वितीय योगदान के लिए कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से नवाजा गया था। 1988 में उन्हें पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, वे तीन बार ग्रैमी अवॉर्ड से भी सम्मानित हो चुके थे, जो उनकी वैश्विक पहचान का प्रमाण है।

संगीत और सिनेमा में योगदान
संगीत के क्षेत्र में उस्ताद जाकिर हुसैन का योगदान अत्यधिक था, लेकिन उन्होंने फिल्मों में भी अपनी अदाकारी का जादू दिखाया। 1983 में उन्होंने ब्रिटिश फिल्म हीट एंड डस्ट से अभिनय की शुरुआत की, जिसमें शशि कपूर भी थे। 1998 में, उन्होंने फिल्म साज में शबाना आज़मी के साथ अभिनय किया, जहाँ उन्होंने शबाना के प्रेमी का किरदार निभाया था।

उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन भारतीय संगीत जगत की एक बड़ी क्षति है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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