रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में 70 अवैध भर्तियाँ रद्द, 252 करोड़ का भुगतान वसूलने में होगी कठिनाई
जबलपुर ( शिखर दर्शन ) // रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में 1991 में हुई 70 भर्तियों को उच्च शिक्षा विभाग ने अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। यह भर्ती शासन की अनुमति के बिना की गई थी, जिससे विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया है। इन भर्तियों में कई कर्मचारी अब तक सेवा में थे, जबकि कुछ रिटायर हो चुके हैं और उन्हें पेंशन भी मिल रही है। हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से कुछ कर्मचारी अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। अब तक इन अवैध भर्तियों में 252 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जिसे वसूलने में विश्वविद्यालय को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
इसमें ओएसडी से लेकर चपरासी तक के पद शामिल हैं। अवैध भर्तियों में ओएसडी के 4, अनुभाग अधिकारी के 7, अधीक्षक के 12, सहायक ग्रेड-1 के 12, सहायक ग्रेड-2 के 12, ऑफिस काम के 15 और चपरासी के 4 पद शामिल हैं। उच्च शिक्षा विभाग के आदेश के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इन भर्तियों से संबंधित आदेशों का पालन करने की बात कही है।