किसानों का दिल्ली कूच: शंभू बॉर्डर से दोपहर 1 बजे रवाना, हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी

MSP की गारंटी और अन्य समस्याओं को लेकर शंभू बॉर्डर से शुरू हुआ आंदोलन
किसानों ने एक बार फिर से फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी और उनके लंबित मुद्दों के समाधान को लेकर आंदोलन की राह पकड़ी है। आज दोपहर 1 बजे पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करने के लिए रवाना होगा। किसान संगठनों ने इसे ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन नाम दिया है। पिछले 8 महीने से शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने अब पैदल दिल्ली की ओर बढ़ने का निर्णय लिया है, हालांकि इस बार ट्रैक्टर-ट्रॉली का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
शंभू बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। हरियाणा सरकार ने अंबाला में धारा 144 लागू कर दी है, जिससे सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है और ड्रोन व वाटर कैनन का भी इंतजाम किया गया है। शंभू बॉर्डर पंजाब के पटियाला और हरियाणा के अंबाला को जोड़ता है, जहां किसानों का प्रदर्शन जारी है।

किसान संगठनों में फूट, SKM और किसान सभा ने किया अलग
किसान आंदोलन में अब विभाजन दिखाई दे रहा है। हरियाणा के किसान संगठनों ने इस दिल्ली मार्च से दूरी बना ली है, वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और किसान सभा भी नाराज हैं। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, “हमें इस मार्च में शामिल होने के लिए न तो संपर्क किया गया है और न ही सलाह ली गई। इसलिए हम किसी भी मार्च में भाग नहीं लेंगे। हमने पहले भी समर्थन देने की कोशिश की थी, लेकिन चीजें ठीक नहीं रहीं। वे अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं और हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।”