नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए प्रधान आरक्षक बीरेंद्र सोरी, नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई
कांकेर ( शिखर दर्शन ) // नारायणपुर में तैनात प्रधान आरक्षक बीरेंद्र कुमार सोरी बुधवार को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम मरारपानी, नरहरपुर पहुंचा, जहां शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा।
जैसे ही शहीद का शव गांव पहुंचा, पूरा माहौल गमगीन हो गया। भारत माता की जय और “शहीद बीरेंद्र कुमार अमर रहें” के नारों से गांव गूंज उठा। ग्रामीणों और स्कूली छात्रों ने शहीद पर पुष्प वर्षा कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। नम आंखों से पूरे गांव ने अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई दी।
नक्सल मोर्चे पर दिखाई थी वीरता, हाल ही में पूरी की थी एएसआई की ट्रेनिंग
शहीद जवान के भाई हरीशचंद सोरी ने बताया कि बीरेंद्र 2010 में पुलिस बल में आरक्षक के रूप में भर्ती हुए थे। उनकी बहादुरी और नक्सल मोर्चे पर उत्कृष्ट कार्य के चलते 2018 में उन्हें प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया। हाल ही में उन्होंने एएसआई की ट्रेनिंग पूरी कर माना कैंप से लौटे थे।
गांव के लिए अपूरणीय क्षति
गांव के प्रमुख ने कहा, “हमारा बेटा देश के लिए नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हो गया। यह पूरे गांव के लिए बड़ी क्षति है। हमें गर्व है कि हमारे गांव के सपूत ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।” उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से जल्द ही छुटकारा मिलना चाहिए ताकि और परिवारों को इस तरह की त्रासदी न झेलनी पड़े।
शहीद बीरेंद्र कुमार सोरी की शहादत से पूरा गांव शोक में है, लेकिन उनके बलिदान ने गांववासियों के दिलों में देशभक्ति की भावना और अधिक प्रबल कर दी है।