सिम्स बिलासपुर में अव्यवस्थाओं पर हाईकोर्ट सख्त, सुधार के लिए गठित नई टीम
सिम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई
कोर्ट ने कहा: सिम्स को दुरुस्त रखना डीन की जिम्मेदारी
अब कलेक्टर नहीं करेंगे सिम्स का दौरा
बिलासपुर ( शिखर दर्शन ) // छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) बिलासपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की अव्यवस्थाओं को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई जारी है। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश अमितेंद्र किशोर प्रसाद की युगलपीठ ने मामले में 15 नवंबर 2024 को दिए गए आदेश के अनुपालन की स्थिति का जायजा लिया।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि सिम्स में चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने और मरीजों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक नई टीम गठित की गई है।
मशीनों की स्थिति पर जानकारी
सोनोग्राफी मशीन और सीटी स्कैन सहित अन्य चिकित्सा उपकरणों को लेकर कोर्ट में जानकारी दी गई। हलफनामे में इन सुविधाओं की उपलब्धता और संचालन के बारे में किए गए दावों पर कोर्ट ने संतोष व्यक्त किया।
जिला प्रशासन को दौरा करने से रोका
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए बिलासपुर के जिला मजिस्ट्रेट को सिम्स का दौरा नहीं करना चाहिए। यदि स्थिति का गहन आकलन आवश्यक हुआ, तो कोर्ट द्वारा इसके लिए अलग से निर्देश दिए जाएंगे।
डीन को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के आदेश
मुख्य न्यायाधीश ने सिम्स के डीन को निर्देश दिया कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को सभी बुनियादी सुविधाएं और परीक्षण सुनिश्चित किए जाएं। साथ ही, सिम्स के कार्यप्रणाली को लेकर डीन को अपना व्यक्तिगत हलफनामा न्यायालय में प्रस्तुत करना होगा।
अगली सुनवाई 10 जनवरी को
हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जनवरी 2025 की तिथि निर्धारित की है, जिसमें सिम्स में सुधार की प्रगति पर चर्चा की जाएगी।