सरगुजा संभाग

तहसीलदार से मारपीट मामला: व्यापारी के समर्थन में चैंबर ऑफ कॉमर्स, शहर बंद कर जताया विरोध, कार्रवाई को बताया अनुचित

मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर ( शिखर दर्शन ) // छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में तहसीलदार और व्यापारी के बीच हुए विवाद के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान तहसीलदार यादवेंद्र कैवर्त के साथ मारपीट के आरोप में युवा व्यापारी नितिन अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के विरोध में चेंबर ऑफ कॉमर्स ने व्यापारी के समर्थन में शहर बंद का आह्वान किया है।

शनिवार को मनेन्द्रगढ़ के व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखकर प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया। चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष पंकज संचेती ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नियमों के विपरीत की गई है।

क्या है पूरा मामला?

शुक्रवार को तहसीलदार यादवेंद्र कैवर्त मनेन्द्रगढ़ के मौहारपारा इलाके में गोपाल शीत गृह के पास अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे। इस दौरान युवा व्यापारी नितिन अग्रवाल से उनकी बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि नितिन ने तहसीलदार को थप्पड़ जड़ दिया।

घटना के तुरंत बाद तहसीलदार की शिकायत पर पुलिस ने नितिन अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद से ही व्यापारियों में आक्रोश है।

व्यापारियों का क्या है आरोप?

चेंबर ऑफ कॉमर्स का कहना है कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बिना किसी पूर्व सूचना के की। पंकज संचेती ने बताया,

“अगर प्रशासन मुनादी करवाकर कार्रवाई करता, तो हमें कोई आपत्ति नहीं होती। लेकिन बिना सूचना दिए बुलडोजर चलाकर दुकानदारों का सामान तोड़ दिया गया।”

व्यापारियों का दावा है कि नितिन अग्रवाल को अपनी दुकान का सामान हटाने का समय भी नहीं दिया गया। बुलडोजर से सीमेंट की शीटें तोड़ दी गईं, जिससे नितिन को करीब 1.5 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

तहसीलदार पहले भी रहे हैं विवादों में

यह पहली बार नहीं है जब तहसीलदार यादवेंद्र कैवर्त विवादों में आए हैं। पिछले सप्ताह भी अतिक्रमण हटाने के दौरान व्यापारी प्रियम केजरीवाल से उनका विवाद हुआ था। प्रियम ने कार्रवाई का वीडियो बनाते हुए तहसीलदार से सवाल किया था, जिस पर तहसीलदार ने उसका मोबाइल छीन लिया था।

व्यापारियों की मांग

चेंबर ऑफ कॉमर्स ने प्रशासन से मांग की है कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के तहत होनी चाहिए। यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो विरोध प्रदर्शन और तेज किया जाएगा।

इस मामले में प्रशासन की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन व्यापारी समुदाय ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस कार्रवाई को लेकर चुप नहीं बैठेंगे।

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